दिल्ली की हवा जानलेवा: सुधार अभी संभव नहीं

नई दिल्ली। पराली के धुएं का असर कम होने पर भी दिल्ली की हवा दमघोंटू बनी हुई है। केंद्र द्वारा संचालित संस्था सफर के मुताबिक दिल्ली की हवा में पराली के प्रदूषण की हिस्सेदारी 27 फीसदी के लगभग रही। दो दिन पहले यह हिस्सेदारी 48 फीसदी तक पहुंच गई थी। दिल्ली के लोगों के लिए दीपावली के बाद से शुरू हुआ जहरीली हवा में सांस लेने का सिलसिला अभी थमता हुआ नहीं दिख रहा है। हवा की रफ्तार बढऩे के चलते सोमवार को प्रदूषण के स्तर में हल्की गिरावट दर्ज की गई थी। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के अंक के नीचे यानी बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गया था। लेकिन, मंगलवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक एक बार फिर से 400 के अंक के पार यानी गंभीर श्रेणी में पहुंच गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक मंगलवार को औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 404 के अंक पर रहा। दिल्ली के ज्यादातर इलाकों की हवा दमघोंटू बनी हुई है। सीपीसीबी के मुताबिक मंगलवार की शाम चार बजे दिल्ली की हवा में प्रदूषक कण पीएम 10 का स्तर 426 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम 2.5 का स्तर 263 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर पर रहा। मानकों के मुताबिक हवा में पीएम 10 का स्तर 100 से नीचे और पीएम 2.5 60 से नीचे होना चाहिए। इस अनुसार देखा जाए तो दिल्ली की हवा में अभी प्रदूषण का स्तर मानकों से चार गुना ज्यादा है।