कंगना को लेकर विवाद: अवॉर्ड वापसी का दबाव

मुंबई। हाल ही में पद्मश्री अवॉर्ड से सम्मानित बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत का 1947 में मिली आजादी को भीख कहने के बाद विवाद शुरू हो गया है। सोशल मीडिया के बाद अब कई पार्टी नेताओं ने एकसुर में कंगना रनौत का विरोध करना शुरू कर दिया है। सभी नेताओं ने राष्ट्रपति और सरकार से पद्मश्री अवॉर्ड वापस लेने की मांग की है।
एक चैनल को दिए इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा था कि 1947 में मिली आजादी भीख थी, असली आजादी तो 2014 के बाद मिली, जब देश की बागडोर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों पर आई।
कगंना रनौत के बयान की देशभर में निंदा हो रही है। कांग्रेस पार्टी के सीनियर लीडर आनंद शर्मा ने इस बयान को चौंकाने वाला और अपमानजनक करार दिया। उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से उनका (कंगना रनौत) पद्मश्री वापस लेने की मांग की है। आनंद शर्मा ने कहा, ”कंगना रनौत का बयान उन महान साहसी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है जिनका नेतृत्व महात्मा गांधी, नेहरू और सरदार पटेल ने किया था। यही नहीं उनका बयान सरदार भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद और कई अन्य क्रांतिकारियों के बलिदान को भी कम करता है।”