चेतावनी: ओमिक्रॉन को नहीं रोक पायेगा कपड़े का मास्क

हेल्थ डेस्क। ओमिक्रॉन वैरिएंट की वजह से भारत में भी कोरोना की तीसरी लहर लगभग आ चुकी है। आज भी 90 हजार से अधिक नए मामलों की पुष्टि हुई है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने बताया है कि कपड़े वाले मास्क से ओमिक्रॉन के संक्रमण को नहीं रोका जा सकता है। आपको बता दें कि भारत में वायरस के बचने के लिए कपड़े वाले मास्क पहनने का ही प्रचलन है। डॉक्टर सिंगल-लेयर्ड क्लॉथ मास्क को छोडऩे और छोटे एरोसोल को बाहर निकलने और दूसरों को संक्रमित करने से रोकने के लिए कम से कम दो या तीन-लेयर फेस मास्क का विकल्प चुनने की अपील कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने कोरोना वायरस के नए प्रकार से बचाव के लिए सिंगल-लेयर क्लॉथ मास्क को सर्जिकल मास्क या अधिक प्रभावी रेस्पिरेटर मास्क के साथ पहनने की सिफारिश की है। हेल्थकेयर विशेषज्ञों ने कहा है कि सिंगल-लेयर मास्क, जो वायरस ले जाने वाले एरोसोल के बड़े हिस्से को अवरुद्ध करने में प्रभावी हैं, छोटे वाले के खिलाफ उसी तरह का पालन नहीं करते हैं जैसा कि ओमिक्रॉन के मामले में देखा गया है। स्पाइक प्रोटीन पर अपने अद्वितीय उत्परिवर्तन के कारण ओमिक्रॉन वैरिएंट अत्यधिक तेजी से फैलता है। अमेरिका स्थित सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) द्वारा जारी किए गए नवीनतम दिशानिर्देशों के अनुसार, दो साल या उससे अधिक उम्र के सभी लोग जिन्हें पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया है, उन्हें सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना चाहिए। सीडीसी दिशानिर्देशों में कहा गया है, “कपड़े के मास्क के नीचे एक डिस्पोजेबल मास्क पहनें, जिसमें कपड़े की कई परतें हों। दूसरे मास्क से चेहरे और दाढ़ी के अंदरूनी हिस्से के किनारों को ढक देना चाहिए।” इसमें यह भी कहा गया है कि दोबारा इस्तेमाल होने वाले मास्क को गंदे होते ही या दिन में कम से कम एक बार धोना चाहिए। अगर आपके पास डिस्पोजेबल फेस मास्क है, तो उसे एक बार पहनने के बाद फेंक दें।