बीत गए 10 साल: टी एच ए को नहीं मिल सका अब तक अस्पताल

श्यामल मुखर्जी, साहिबाबाद। एक दिलचस्प बात यह है कि लगभग सभी पार्टियों के प्रत्याशी चुनाव के समय ट्रांस हिंडन एरिया के मतदाताओं को रिझाने के लिए लंबे चौड़े वादे करते हैं जिनमें से सबसे प्रमुख इस क्षेत्र में एक सरकारी अस्पताल बनाने का वादा रहता है। परंतु वोटरों को दिखाए गए वह सपने हर बार मात्र सपने बनकर ही रह जाते हैं।पिछले दो विधानसभा चुनावों में इंटर कॉलेज, सरकारी अस्पताल तथा डिग्री कॉलेज बनवाने का वादा प्रत्याशियों द्वारा किया गयापरंतु चुनावों के बाद प्रत्याशी अपने वादों को बिल्कुल भूल गए। परंतु इस बार यहां के वोटर आक्रोश से भरे हुए हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि उनका प्रत्याशी उनकी मांगों को समझे तथा उन्हें पूरा करने में अपनी तत्परता दिखाए। यही नहीं वे प्रत्याशी से इस बार इस इन बातों के लिखित गारंटी चाहते हैं। यहां के निवासियों का कहना है कि पिछले 5 वर्षों के दरमियान वसुंधरा क्षेत्र में दो बड़े निजी अस्पतालों का निर्माण तो हो गया परंतु एक भी सरकारी अस्पताल का निर्माण नहीं हो सका। आचार संगीता लगते ही इस बार भी सभी आरडब्लूए में चुनावी सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। किसे वोट दिया जाए और किसे नकारा जाए इस बारे में चिंतन और मंथन प्रारंभ किया जा चुका है। प्रत्येक सोसाइटी में यह प्रत्येक क्षेत्र में मांगे बेशक अलग-अलग हो परंतु एक मांग सबकी कॉमन है और वह है सरकारी अस्पताल की मांग। विशेष रूप से कोविड की दो लहरों को झेलने के बाद तीसरी लहर की आहट के बीच लोगों में तेजी से संक्रमण फैलने की आशंका है । टी एच ए में सरकारी अस्पताल तथा इंटर एवं डिग्री कॉलेज के मुद्दे पर यहां का हर निवासी एक मत है। सब ने यह फैसला किया है कि इस बार उसी प्रत्याशी को वोट दिया जाएगा जो अपने कार्यकाल में इन तीनों मांगों को पूरा कर दिखाएं। इस मामले में अब यहां के निवासियों को कोई हीला हवाला या कोई बहानेबाजी बर्दाश्त नहीं । यहां के निवासियों ने मन बना लिया है कि इस बार प्रत्याशियों द्वारा केवल कोरा आश्वासन देने भर से काम नहीं चलेगा बल्कि उन्हें जमीनी स्तर पर पूरा भी करके दिखाना होगा।