सालों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है लाइन पर का क्षेत्र

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। गाजियाबाद जनपद में विकास की बहती हुई बयार का लाभ लाइन पर के क्षेत्र को अब तक नहीं मिल पाया जिससे यहां के निवासियों में असंतोष की भावना स्पष्ट परिलक्षित होती है । विगत लगभग 50 वर्षों से लाइन पर का क्षेत्र जिसमें मुख्य रुप से विजय नगर, प्रताप विहार एवं समीपवर्ती क्षेत्र शामिल है एक शिक्षा स्वास्थ्य तथा पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है । यहां के निवासियों का कहना है कि प्रत्येक पार्टी के प्रत्याशी हर बार वोट मांगते समय इन सुविधाओं को दिलवाने का आश्वासन यहां के निवासियों से करते आए हैं परंतु उनके द्वारा किए गए वादे केवल खोखले चुनावी वादे ही साबित हुए हैं। 2003 में यहां गंगाजल प्लांट का उद्घाटन विधिवत किया गया थालेकिन पानी की आपूर्ति अब तक यहां शुरू नहीं हो पाई है । वसुंधरा एवं सिद्धार्थ विहार को तो गंगाजल की आपूर्ति कर दी गई परंतु विजय नगर तथा प्रताप विहार इस सुविधा से वंचित ही रहा। यहां के निवासियों का कहना है कि जीडीए द्वारा सन 1973 में विजय नगर की योजना लाई गई थी । काफी समय तक यह क्षेत्र वीरान सा पड़ा था। धीरे-धीरे यहां बसावट होती चली गई । उस समय यहां की आबादी लगभग 50000 के आसपास थीजो अब बढक़र 6 लाख के पार पहुंच चुकी है । लेकिन आबादी बढऩे के साथ-साथ यहां सुविधाएं उस अनुपात में नहीं बढ़ पाई। यहां तक कि यहां की जनता को अब तक सुविधाओं के नाम पर एक अस्पताल तथा 1 डिग्री कॉलेज तक नहीं मिल पाया है। जीडीए तथा आवास विकास परिषद द्वारा प्रताप विहार तथा सिद्धार्थ विहार जैसी कॉलोनी विकसित कर दी गई और धीरे-धीरे यहां लोग बसते चले गए। यहां तक कि जीडीए द्वारा एक सम्राट चौक पर डिस्ट्रिक्ट सेंटर विकसित करने की बात भी कही गई थी। परंतु वह सारी योजनाएं न जाने कहां गुम हो कर रह गई। 2003 में यहां तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह के अलावा आजम खान भी आए थे उनके द्वारा यह के विकास के लिए लंबे चौड़े वादे किए गए थे। परंतु यहां के निवासियों का मानना है कि तब से लेकर अब तक प्रदेश में केवल सरकारें आई और गई, परंतु इस क्षेत्र का विकास करते समय सदैव सौतेला व्यवहार किया गया ।