देश में लगा है भ्रष्टचार का दीमक: नरेन्द्र मोदी

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नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि 15 अगस्त का ये सवेरा मामूली सवेरा नहीं है। विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का स्वतंत्र पर्व का सवेरा है। सवा सौ करोड़ देशवासियों के सपनों का सवेरा है।
ये सवेरा सवा सौ करोड़ देशवासियों के संकल्प का सेवरा है और ऐसे पावन पर्व पर जिन महापुरूषों के बलिदान, तयाग और तपस्या के कारण, सदियों तक भारत की अस्मिता के लिए टूटते रहे, जवानी जेल में खपाते रहे, लेकिन सपने नहीं छोड़े, संकल्प नहीं छोड़े, ऐसे आजादी के सेनानियों को कोटी-कोटी वंदन करता हूं। देश के अन्य गणमान्य नागरकों, युवा, साहित्यकारों और समाजसेवियों ने विश्व भर में भारत का माथा ऊंचा करने का अभिनंदनीय कार्य किया। अनगिनत उन लोगेां को भारत की प्राचीर से हृदय से शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि पुरातन परंपराओं के बीच यह देश यहां पहुंचा है। हमारी एकता, सरलता, भाईचारा, सद्भाव बहुत बड़ी पूंजी है। इस पर कभी दाग नहीं लगना चाहिए। अगर देश की एकता बिखर जाए तो सपने भी चूर-चूर हो जाते है। इसीलिए जातिवाद के जहर, संप्रदाय के जुनून को किसी भी रूप में जगह नहीं देनी है।
यह देश टीम इंडिया के कारण आगे बढ़ रहा है। यह टीम इंडिया सवा सौ करोड़ देशवासियों की वृहद टीम है। क्या दुनिया ने सोचा है कि सवा सौ करोड़ देशवासियों की टीम जब एक होकर लग जाती है, वो राष्ट्र को बढ़ाते हैं और बचाते भी है। हम जहां पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं, वो सवा सौ करोड़ की टीम के कारण है। लोकतंत्र में जनभागीदारी सबसे बड़ी पूंजी होती है। टीम इंडिया का एक ही जनादेश है और वह यह कि हमारी सारी व्यवस्थाएं, सारी योजनाएं इस देश के गरीब के काम आनी चाहिए। हम गरीबी से मुक्ति की लड़ाई को बल प्रदान करना चाहते हैं। गरीब भी गरीबी से जंग करना चाहता है। 15 अगस्त को आपके सामने कुछ विचार रखे थे, तब मैं नया था। मैंने जो शुरू-शुरू में देखा था उसको कोई लाग-लपेट के बिना खुले मन से देशवासियों के सामने रख दिया था, लेकिन आज एक साल के बाद उसी लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं कि एक साल में टीम इंडिया एक नए विश्वास के साथ, नए सामथर््य के समयसीमा में सपनों को साकार करने में जुट गई है। 17 करोड़ देशवासियों को बैंक तक लाने के लिए बहुत जी-जान से जुटना पड़ता है। बैंक के कर्मचारियों, बैंकों का हृदय से अभिनंदन करता हूं, क्योंकि उन्होंने बैंक को गरीबों के सामने लाकर रख दिया।
भारत जैसे देश में अगर विकास का पिरामिड देखें, तो उसके सबसे नीचे की सतह सबसे मजबूत होती है। आज विकास के पिरामिड के आधार में देश का दलित, पीडि़त, उपेक्षित बैठा है। इसलिए हमें विकास के पिरामिड को मजबूत करना है। हमने सामाजिक सुरक्षा, गरीबों की भलाई पर बल दिया है।
गरीबों के लिए 44 कानूनों को हमने समेट दिया। आज मैं हिसाब देना चाहता हूं। मैं सवा सौ करोड़ देशवासियों को कहना चाहता हूं कि यह देश भ्रष्टाचार से मुक्त हो सकता है। भ्रष्टाचार हमारे देश में दीमक की तरह लगा हुआ है। इस दीमक को खत्म करने में समय लगेगा। 15 हजार करोड़ की गैस सब्सिडी को खत्म करने का निर्णय ले सकता था। हमने यह गैस सब्सिडी ग्राहकों के खाते में सीधी पहुंचाई। आज टीम इंडिया से कहना चाहता हूं कि सालाना 15 हजार करोड़ रुपया चोरी होता था, वह बंद हो गया। इस तरह देश से गैस सब्सिडी के नाम पर चल रहा भ्रष्टाचार चला गया। कुछ लोगों को निराशा की गर्त में डूबने का शौक होता है। कुछ लोग निराशा ढूंढते रहते और फैलाते रहते हैं।इससे पूर्व पीएम मोदी ने लालकिले पर तिरंगा फहराया और सलामी ली।