भाजपा सरकार युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ कर रही है: सुप्रिया श्रीनेत

लखनऊ। रेलवे भर्ती को लेकर पटना व प्रयागराज में छात्रों पर हुए लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह से हमने पिछले 48 घंटों में छात्रों पर लाठियां बरसते हुए देखी हैं, छात्रों को खून से लथपथ देखा है, वह शर्मनाक है। यह सभ्य समाज, लोकतंत्र पर धब्बा जैसा है और युवा पीढ़ी के खिलाफ बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले जब बेरोजगारी सिर चढक़र बोल रही थी, जो आज भी व्याप्त है, तब आनन-फानन में रेलवे ने एक नोटिफिकेशन जारी किया कि ग्रुप डी की नौकरियां भरी जाएंगी। इस देश के सवा करोड़ युवाओं ने उस फॉर्म को भरा, फीस दी, लेकिन तीन साल बाद भी आजतक भर्तियां नहीं हो पाई हैं। कहीं न कहीं सरकार की यह मंशा युवाओं को नौकरी देने की है ही नहीं। सरकार भर्तियों में पद ख़त्म करते जा रही है, परिणामस्वरूप आज युवा रेलवे ट्रैक पर बैठा है।उन्होंने कहा, फऱवरी 2019 में आए इस नोटिफिकेशन आधार पर सवा करोड़ युवाओं ने फॉर्म भरा, लेकिन फऱवरी 2021 में तत्कालीन रेल मंत्री पियूष गोयल कहते हैं कि अभी एजेंसी नियुक्त की जा रही है और अब पता चलता है कि अब परीक्षा के नियम बदलने की बात चल रही है। परीक्षाओं को लटकाने का परिणाम युवा पीढ़ी भुगत रही है। यह सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश का नहीं पूरे देश का मामला है कि भाजपा ने सिर्फ रोजगार को ख़त्म करने का काम किया है। नोटिफिकेशन आते हैं, परीक्षा होती है और धांधली के चक्कर में परीक्षा रद्द कर दी जाती है और न्यायालय में मामला लटक जाता है। एक ज़माने में रेलवे इस देश का सबसे बड़ा एम्प्लॉयर होता था, आज परीक्षा कराने में असमर्थ है। भाजपा सरकार नौजवानों के साथ खिलवाड़ कर रही है। ये सिर्फ बिहार या उत्तर प्रदेश का मामला नहीं है, आप देश के किसी भी कोने में चले जाइए, आज युवाओं के पास नौकरी नहीं है, क्योंकि 2 करोड़ रोजगार हर साल देने वालों, जिन्होंने वायदा किया था कि हर साल 2 करोड़ रोजगार देंगे और अभी तक 14 करोड़ से ज्यादा रोजगार दे चुके होते, उन्होंने सिर्फ रोजगार को नष्ट करने का, एक इंस्टीट्यूशनल वे में रोजगार को खत्म करने का काम किया है। रोजगार उनकी विफलता से खत्म हुआ है। छात्रों के मुद्दों से जुड़े हर एक शांतिपूर्ण आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन है। मैं बच्चों का रोष समझती हूँ, यह युवा पीढ़ी है, इन लोगों ने पैसा दिया, युवाओं ने अपनी जिंदगी के तीन साल इस परीक्षा की तैयारी में इस विश्वास के साथ दिए कि नौकरी मिल जाएगी। और अब इनको बोला जा रहा है कि शायद परीक्षा रद्द हो जाएगी। लेकिन इन युवाओं से में कहना चाहती हूँ कि जैसा कि हमारे नेता राहुल गांधी ने कहा, यह गांधी का देश है, जो सत्य और अहिंसा से चलता है। शांतिपूर्ण आंदोलनों के सामने बड़े-बड़े तानाशाहों ने घुटने टेके हैं। इसका उदाहरण किसान आंदोलन है, शांतिपूर्ण आंदोलन के आगे प्रधानमंत्री मोदी को अपना हठ छोडऩा पड़ा, किसानों के आंदोलन के आगे झुकना पड़ा। उसी का नतीजा है कि उनको तीन काले कृषि कानून वापस लेने पड़े।