बागी बने सभी दलों के लिए समस्या

चुनाव डेस्क। विधानसभा चुनाव में बागी बने प्रत्याशी सत्ता पक्ष सहित बाकी सपा, बसपा और कांग्रेस राजनीतिक दलों के लिए मुश्किल का सबब बन सकते हैं। टिकट न मिलने से जुदा राह पकडऩे वाले ये प्रत्याशी बतौर निर्दल चुनाव मैदान में उतरकर अपनी ही पार्टी को चुनौती दे रहे हैं। मौके का फायदा उठाते हुए ऐसे कुछ प्रत्याशियों को दूसरे दलों ने सहारा दे दिया है। इनमें विधायक भी शामिल हैं।नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद संगठन के नेता ऐसे प्रत्याशियों से पर्चा वापस लेने की मनुहार कर रहे हैं। अभी कहीं से नाम वापसी के संकेत नहीं हैं। गोरखपुर के चौरीचौरा में भाजपा के बागी अजय सिंह टप्पू ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में दावेदारी ठोक दी है। वह चौरीचौरा में भाजपा प्रत्याशी सरवन निषाद के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं सहजनवा में सपा से दो प्रत्याशियों ने नामांकन कर दिया है। समाजवादी पार्टी ने यशपाल रावत को प्रत्याशी घोषित किया है। नामांकन के आखिरी दिन पर्चा दाखिल करने वाले संजय के दल के कॉलम में सपा का जिक्र है। इसी तरह आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर विजय आनंद उपाध्याय एवं प्रशांत ने पर्चा भरा है। सिद्धार्थनगर की शोहरतगढ़ सीट से विधायक अमर सिंह ने आजाद समाज पार्टी से नामांकन किया है। वह यहां का खेल बिगाड़ सकते हैं। उन्हें पहले सपा ने बांसी से टिकट दिया था बाद में पार्टी के ही नेताओं के विरोध पर होल्ड कर दिया गया था। दिलचस्प यह है कि इस विधानसभा से आजाद समाज पार्टी से डॉ. सरफराज अंसारी भी नामांकन कर चुके हैं। हालांकि, बाद में पर्चा दाखिल करने वाले की उम्मीदवारी ही मान्य होगी। महराजगंज के जिले की सिसवा विधानसभा की तो यहां भी बगावत साफ तौर पर दिख रही है। भाजपा के दावेदार रहे पूर्व मंत्री शिवेन्द्र सिंह और वरिष्ठ नेता व केन्द्रीय मंत्री के करीबी अजय कुमार श्रीवास्तव निर्दल नामांकन कर चुके हैं। सिसवा से ही सपा के दावेदार रहे इं. आरके मिश्रा, गौरीशंकर गुप्ता, सदर सीट से सपा के दावेदार रहे निर्मेष मंगल भी निर्दल उम्मीदवार बन चुके हैं। वहीं फरेंदा से सपा के दावेदार रहे पूर्व प्रमुख रामप्रकाश सिंह ने कांग्रेस प्रत्याशी वीरेन्द्र चौधरी को अपना समर्थन दे दिया है।
देवरिया की बरहज सीट से वर्तमान विधायक सुरेश तिवारी का टिकट भाजपा ने काट दिया था। इसके बाद उन्होंने पार्टी से बगावत कर दी। अब बसपा ने उन्हें रुद्रपुर से प्रत्याशी बनाया है। भाजपा के चुनाव पर इसका असर पड़ सकता है। ब्राह्मण मतों में कुछ बिखराव हो सकता है। रुद्रपुर से भाजपा ने वर्तमान विधायक और राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद को टिकट दिया है। इसी सीट से सपा से टिकट न मिलने पर प्रदीप यादव निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बगावत कर चुके हैं। सपा से रामभुआल निषाद को प्रत्याशी बनाया गया है। प्रदीप ने सपा के लिए मुश्किलें खड़ी करने का एलान भी किया है। रामपुर कारखाना सीट से दो बार निर्दल चुनाव लड़ चुके गिरिजेश शाही अपनी पत्नी पुष्पा शाही के लिए टिकट मांग रहे थे। भाजपा ने टिकट नहीं दिया तो बसपा में शामिल हो गए। अब पुष्पा देवी बसपा से लड़ रही हैं। भाजपा ने यहां से सुरेंद्र चौरसिया को टिकट दिया है। पथरदेवा सीट से सपा से टिकट न मिलने पर परवेज आलम बसपा से चुनाव मैदान में हैं। परवेज के पिता स्व. शाकिर अली विधायक व मंत्री रहे। यहां मुस्लिम मतों में बिखराव हो सकता है। सपा से इस सीट पर पूर्व मंत्री ब्रह्मा शंकर त्रिपाठी मैदान में हैं।