गुरुग्राम और दिल्ली की घटना से चिंता ग्रस्त है हिंडन पार के लोग

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। गुरुग्राम तथा दिल्ली के बवाना में हुए हादसों के बाद ट्रांस हिंडन एरिया के लोग दहशत में है। जीडीए द्वारा निर्मित कॉलोनी विशेषकर वैशाली के अलकनंदा टावर तथा तुलसी निकेतन के निवासियों में भय व्याप्त है। और हो भी क्यों ना, इन जगहों में भवनों की हालत इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी कोई अनहोनी हो सकती है। अलकनंदा सोसाइटी को वर्ष 1998 में बसाया गया था । इसे बसाते समय जीडीए की तरफ से इसे 90 वर्षों के लिए सुरक्षित बताया गया था परंतु मात्र 20 वर्ष के अंतराल में ही बिल्डिंग की हालत जर्जर हो चुकी है। अलकनंदा टावर में वर्तमान में कुल 70 परिवार रह रहे हैं ।इस टॉवर को वर्ष 2019 में ही नगर निगम की टीम द्वारा जर्जर घोषित कर दिया गया था। इसके अलावा तुलसी निकेतन में जोकि जीडीए की 1991 की योजना है कुल 2223 फ्लैट निर्माण किए गए हैं । इनमें से 500 प्लेट ऐसे हैं जिनकी हालत अत्यंत जर्जर तथा दयनीय है। हालांकि जीडीए द्वारा भी इस टावर में बने फ्लैटों को जर्जर घोषित किया जा चुका है । जीडीए द्वारा इस समस्या का हल निकालने के लिए इस पूरी बिल्डिंग के पुनर्निर्माण की योजना बनाई गई है । परंतु योजना का कार्यान्वयन कब तक हो पाएगा, एक यक्ष प्रश्न है ।