कडक़नाथ मुर्गी का पालन कर महिलाएं करेंगी कडक़ी दूर

श्यामल मुखर्जी, गाजियाबाद। आपने देश तथा अपने उत्तर प्रदेश के विभिन्न भागों में मुर्गी पालन मछली पालन तथा पशुपालन के विभिन्न प्रोजेक्ट के बारे में अक्सर सुना होगा। इस संदर्भ में एक कदम आगे बढ़ते हुए पशुपालन विभाग तथा राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संबंध में द्वारा स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हुई महिलाएं अब कडक़ नाथ मुर्गियों का पालन उनके अंडे बेचकर अपने जीविकोपार्जन का नया साधन ढूंढ निकाला है।आपको बताते चलें कि साधारण मुर्गे का मान सम्मन 200 से ₹300 प्रति किलो बिकता है परंतु कडक़नाथ मुर्गा ऐसा है जिसके 1 किलो मांस की कीमत लगभग ₹1000 है । इसके अलावा इसकी विशेषताओं के कारण इसके मांस के अलावा हड्डी खून सब कुछ बिकता है। इसकी एक विशेषता और होती है कि यह मुर्गा काले रंग का होता है । इसकी वाणिज्यिक विशेषताओं के कारण कडक़नाथ मुर्गी को पालने का प्रचलन तेजी से बढ़ा है । गाजियाबाद मे उजाला तथा कृष्णा समूह ने 100 मुर्गियों की पोल्ट्री द्वारा इस काम को शुरू किया है और यह तेजी से अपने इस मिशन को आगे बढ़ा रहे हैं । कडक़नाथ मुर्गी के अंडे भी ज्यादा पौष्टिकता के कारण अधिक कीमतों में बाजार में आसानी से बिक जाते हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से एन आर एल एम (नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन ) के तत्वावधान में कई प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं जिसके अंतर्गत मशरूम की खेती सेनेटरी पैड बनाना सिलाई मास्क सैनिटाइजर तथा डिटर्जेंट आदि बनाना कपड़े की मेकिंग तथा पैकिंग एक के अलावा कई तरह के प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं । उजाला समूह तथा कृष्णा समूह की राजकुमारी तथा विमल पान ने अवगत करवाया कि इससे पूर्व ऑर्गेनिक राखियां बनाने का काम उनके द्वारा किया जा रहा था जोकि अत्यंत सफल रहा । उन्होंने बताया कि जो कि उनके पास जमीन भी थी और मुर्गी पालन का अनुभव भी इसलिए उन्होंने कडक़नाथ मुर्गी के पालन को वरीयता दी।