कांग्रेस ले चुकी है सबक: गोवा में 2017 वाला नहीं होगा हाल

चुनाव डेस्क। पांच राज्यों के चुनाव नतीजे आने वाले हैं, लेकिन उससे पहले कांग्रेस अलग ही तैयारी में जुटी है। कांग्रेस का कहना है कि गोवा में पहले से ही रणनीति बनाने में जुटी है ताकि 2017 जैसी गलती न हो जाए। तब कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 17 सीटें हासिल की थीं, लेकिन भाजपा ने गठबंधन बनाते हुए राज्यपाल के पास पहुंच सरकार बनाने का दावा ठोक दिया था। गोवा में कुल 40 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 21 का आंकड़ा हासिल करना जरूरी है। भाजपा को इस बार एक बार फिर से सत्ता में वापसी की उम्मीद है, जबकि कांग्रेस को लगता है कि उसे एंटी-इनकम्बैंसी का वोट मिलेगा। कांग्रेस को सीटें मिलने की उम्मीद तो है, लेकिन भाजपा की ओर से खेल होने का डर भी है। यही वजह है कि कांग्रेस के सीनियर नेता राज्य में पहुंच चुके हैं और क्षेत्रीय दलों एवं स्वतंत्र उम्मीदवारों के संपर्क में हैं। यदि राज्य में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलता है तो फिर उस स्थिति से निपटने के लिए गोवा के पर्यवेक्षक पी. चिदंबरम और डेस्क इंचार्ज दिनेश राव जुटे हुए हैं। स्थानीय मीडिया से बातचीत में राव ने कहा, ‘कांग्रेस उन दलों के साथ चुनाव बाद गठबंधन के लिए तैयार है, जो भाजपा के खिलाफ हैं। इनमें आम आदमी पार्टी और टीएमसी भी शामिल हैं। आम आमदी पार्टी ने इस बार अकेले ही चुनाव लड़ा है। इसके अलावा टीएमसी ने महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के साथ मिलकर इलेक्शन लड़ा था। दिल्ली और गोवा के कांग्रेस नेता सूबे में उम्मीदवारों से मिल रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए गोवा कांग्रेस के एक नेता ने कहा, ‘सीनियर नेताओं ने कांग्रेस के सभी उम्मीदवारों से व्यक्तिगत तौर पर बातचीत की तैयारी की है। हमें उम्मीद है कि हम सरकार बनाएंगे और 2017 की घटना से सबक लिया है। हम पिछली गलती को दोहराना नहीं चाहते हैं।’ इस बीच भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल होने वाले माइकल लोबो को भी पार्टी की जीत का भरोसा है। उन्हें उत्तर गोवा में किंगमेकर नेता के तौर पर देखा जाता है। उनकी पत्नी ने भी इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा है।