उत्तर प्रदेश में घरेलू रसोई से निकलकर अब महिलाएं अपने स्वाद और हुनर को बदल सकेंगी व्यवसाय में

लखनऊ, मई। उत्तर प्रदेश में घरेलू रसोई से निकलकर अब महिलाएं अपने स्वाद और हुनर को व्यवसाय में बदल सकेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत 121.91 करोड़ रुपये की बड़ी धनराशि स्वीकृत की है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित छोटे-छोटे खाद्य उद्योगों को आधुनिक तकनीक और संसाधनों से सुसज्जित किया जाएगा। यह योजना खासतौर पर उन घरेलू महिलाओं और पारंपरिक कारीगरों के लिए नई उम्मीद लेकर आई है, जो लंबे समय से स्वरोजगार की तलाश में थीं।

उद्यमियों को मिलेगा आधुनिक प्रशिक्षण, बढ़ेगी गुणवत्ता और उत्पादन क्षमता
इस योजना के अंतर्गत महिलाओं को आचार, पापड़, नमकीन, अचार, जैविक उत्पाद और अन्य घरेलू खाद्य सामग्रियों के व्यवसाय को औपचारिक रूप देने में मदद मिलेगी। उन्हें न केवल तकनीकी सहायता दी जाएगी, बल्कि प्रशिक्षण, संयंत्र और मशीनों की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे उनकी उत्पादन क्षमता और गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे वे स्थानीय उत्पादों को बेहतर पैकेजिंग और ब्रांडिंग के साथ राज्य, देश और यहां तक कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी पहुंचा सकेंगी।

सीएम योगी के नेतृत्व में आधुनिक तकनीक से लैस होंगे यूपी के सूक्ष्म खाद्य उद्योग

प्रदेश सरकार द्वारा स्वीकृत धनराशि में सबसे बड़ा हिस्सा करीब 84.91 करोड़ रुपये उद्यमियों को सब्सिडी के रूप में दिया जाएगा। वहीं व्यावसायिक सेवाओं के लिए 9.50 करोड़, प्रशिक्षण और प्रशासनिक खर्चों के लिए 3.50 करोड़ तथा संयंत्र और मशीनों के लिए 24 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त दो अन्य मदों में क्रमशः 2.52 करोड़ और 17.01 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई है। इस पहल के तहत सरकार मशीन और संयंत्र जैसी तकनीकी जरूरतों के साथ-साथ गुणवत्ता नियंत्रण, ब्रांड विकास, परीक्षण प्रयोगशालाओं और व्यापार प्रबंधन में भी सहायता दे रही है। खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में यह एक ऐसा अवसर है, जहां राज्य की अपार जनशक्ति, पारंपरिक स्वाद और ग्रामीण संसाधनों का उपयोग करके आर्थिक आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जा सकता है।

घरेलू रसोई से निकलकर महिलाएं बन सकेंगी सफल खाद्य व्यवसायी
सीएम योगी का फोकस सिर्फ आर्थिक निवेश पर नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव पर भी है। जब गांवों की महिलाएं अपने हाथ से बने उत्पादों को स्थानीय उद्योग के रूप में खड़ा करेंगी, तो न सिर्फ उनकी आमदनी बढ़ेगी, बल्कि पूरे परिवार का सामाजिक स्तर भी ऊपर उठेगा। इससे नारी सशक्तीकरण और ग्रामीण समाज की मुख्यधारा में भागीदारी को भी मजबूती मिलेगी।

यह योजना प्रदेश की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में बड़ा अवसर दे रही है। महिलाएं अब अपने घरों की चारदीवारी से बाहर निकलकर कारोबारी दुनिया में अपनी पहचान बना सकेंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में शासन ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का लाभ सही पात्रों तक पहुंचे और इसका क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता के साथ किया जाए। योगी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया गया है कि सभी खर्च राज्य व केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित कार्ययोजना और दिशा-निर्देशों के अनुसार ही होंगे। अब उत्तर प्रदेश की महिलाएं केवल परिवार की देखभाल तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि वे अपने उत्पादों के जरिए समाज में एक सफल खाद्य उद्यमी की एक नई भूमिका निभाएंगी।