सुलतानपुर। खाद्य एवं रसद महकमे की विपणन शाखा में घपला घोटालों का दौर थमने का नाम नही ले रहा। अभी बीते वर्ष में क्षेत्रीय विपणन अधिकारी द्वारा तीन विकास खंडों में करोड़ों का आनाज गायब कर कालाबाजारी कर दिए जाने का मामला ठंडा भी नही पड़ा था कि पांच वर्ष पूर्व हुए करोड़ों के एक घोटाले के दस्तावेज महकमे से गायब हो जाने का मामला प्रकाष में आया है। ताजा मामला बल्दीराय विपणन केन्द्र का है। जहां पर 2009-10 में करोड़ों के घोटाले के उजागर होने के बाद आरोपी विपणन निरीक्षक राजेश सिंह पर एफआईआर दर्ज होने के बाद से महकमे ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था। खाद्य एवं रसद विभाग की वित्त एवं लेखा शाखा ने जनपदीय कार्यालय को पत्र लिखकर 2009-10 में हुए घोटाले के दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा। जिला कार्यालय में वित्त एवं लेखा शाखा का पत्र होते ही हड़कंप मच गया। महकमा आरोपी विपणन निरीक्षक पर जहां रिकवरी करने की तैयारी में बैठा है वहीं जिला कार्यालय में उसी मामले के रिकॉर्ड ढूंढे नही मिल रहे। सूत्रों की मानें तो भेजे गए पत्र में घोटाले में लिप्त रहे विपणन निरीक्षक राजेष सिंह पर रिकवरी तय करने के लिए विपणन गोदाम पर उसी दौरान भेजे गए आनाज व निकासी किए गए आनाज का 2012 तक का विवरण मांगा गया है। पत्र प्राप्ति के 20 दिन बाद भी अभी तक जिला कार्यालय प्रदेष कार्यालय को घोटाले के दस्तावेज उपलब्ध नही करा पा रहा। सूत्र बताते हैं कि घोटालेबाज अफसरों ने मिलीभगत कर महकमे से गोपनीय तरीके से सारे रिकार्ड गायब कर रखे हैं। अब जिला कार्यालय अपनी गर्दन बचाने के लिए नए सिरे से रिकार्ड बनाने की तैयारी में है। सूत्रों का यहां तक कहना है कि नए रिकार्ड बनाने के पीछे महकमे के अधिकारियों की मंशा है कि उसके बाद के 2012-13 में हुए घोटाले को भी 2009-10 से जोड़कर दफनाया जा सके।