इंडिया के मिनी इजराइल की कीजिए सैर

mini israiel
शिमला। हिमाचल प्रदेश में पवर्तीय पर्यटन स्थल मनाली के पास कसोल कस्बे में घुसते ही आपको तंबुओं की कतारें और उनके सामने खड़ी मोटरसाइकिलें दिखती हैं। यहां के रेस्तरां में सारे मैन्यू हिब्रू भाषा में है, नमस्कार की जगह आपको शलोम सुनाई पड़ेगा और घूमते-फिरते कई इसराइलियों से भी आपका सामना होगा। इसीलिए इस इलाके को मिनी इसराइल कहते हैं।
शाम की बयार में स्टार ऑफ डेविड वाले इसराइली झंडे लहराते दिखाई देंगे। थौड़ा आगे जाने पर आपको एक खबद हाउस यानी यहूदियों का सांस्कृतिक स्थल भी दिखता है। इस ख़ूबसूरत इमारत में लकड़ी के फर्श और बेंच हैं। एक युवा रब्बी (यहूदी पुजारी) हैं। पूरे भारत में 23 खबद हाउस हैं। यहां बना खबद हाउस इस छोटे पहाड़ी गांव कसोल को सांस्कृतिक दिशा देता है।
इसराइलियों के यहां आने की बात करें तो उन्होंने यहां करीब दो दशक पहले आना शुरू किया था। शुरुआत में पुराना मनाली उनका पसंदीदा ठिकाना हुआ करता था। लेकिन यहां भारतीय पर्यटकों की संख्या बढऩे से इसराइली सैलानी पार्वती नदी की घाटी में बसे कसोल की ओर बढ़ गए।इसराइली सैलानी अपने देश में अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण और सेवा के बाद यहां की पहाडिय़ों में मौज मस्ती करने आते हैं। इस क्षेत्र के आस-पास के गांवों में इसराइली झंडे नजर आते हैं और यहां बजने वाले संगीत में तेल अवीव की महक साफ महसूस की जा सकती है। आसपास के लोग बताते हैं कि शुरुआत में इसराइली कसोल आए तो उन्होंने जगह किराए पर लीं। उन्होंने अपने गेस्ट हाउस, कैफे चलाए और खुद में मस्त रहे। इसके बाद उन्होंने स्थानीय लोगों के साथ बातचीत की और लोगों ने उन्हें अपनी जगहें दे दीं क्योंकि उन्हें यक़ीन था कि इससे वहां व्यापार बढ़ेगा। यहां के लोग खुश भी हैं। यहां के इंटरनेट कैफे में बातचीत की भाषा हिब्रू है। इसराइली ज्यादा अंग्रेजी नहीं समझते। स्थानीय लोग इसराइलियों के लिए बने कैफे में नहीं जाते। उनका कहना है कि इसराइलियों का खाना अलग तरह का है। इसके अलावा वे बीफ भी खाते हैं।पहले यहां एक भी गाड़ी नहीं थी, लेकिन अब यह छोटा सा गांव समृद्ध दिखता है। अब लोग अपने खुद के कैफे, गेस्ट हाउस चलाने लगे हैं, लेकिन यह ख्याल जरूर रखते हैं कि इसराइलियों को नाराज न करें। स्थानीय लोगों के अनुसार, किसी भी समय इस घाटी में कम से कम एक हजार इसराइली मिल सकते हैं।यहां रात में बोनफायर का इंतजाम होता है। तीन सौ रुपए रोजाना किराया के कमरे वाले छोटे होटलों में भी म्यूजिक सिस्टम बाहर रखा मिल जाता है।