एनआईए की पूछताछ में नवेद का बड़ा खुलासा

naved
नई दिल्ली। पाकिस्तानी आतंकी नवेद ने पूछताछ के दौरान एनआईए को बताया है कि उसके साथ 18 और आतंकियों ने भारत में घुसपैठ की थी। उसने ये भी बताया कि सुसाइड अटैक की ट्रेनिंग उसे जमात उद दावा के चीफ हाफिज सईद के बेटे ताल्हा ने दी थी और उसी ने हमले का प्लान बनाया था। एजेंसी ने नवेद के बयान के आधार पर एक डोजियर तैयार किया है।
ऊधमपुर हमले की जांच एनआईए ही कर रही है। नवेद से पूछताछ के बाद उन सभी लोगों की पहचान कर ली है जिन्होंने उसे पनाह दी थी। इन लोगों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। 26 पेज के इस डोजियर के मुताबिक नवेद को 16-17 की उम्र में लश्कर में शामिल किया गया था। सबसे पहले उसे गरही हसीबुल्लाह के रिक्रूटमेंट कैंप में भेजा गया इसके बाद उसे बालाकोट, नौशेरा और झेलम के तीन और आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग दी गई। कुल मिलाकर उसे तीन साल तक आतंकी हमलों की ट्रेनिंग दी गई।
पूछताछ में नवेद ने बताया है कि हालन एरिया में उसके समेत 4 लोगों को सुसाइड अटैक की ट्रेनिंग दी गई थी। ये ट्रेनिंग हाफिज सईद के बेटे ताल्हा और दूसरे लश्कर कमांडरों ने दी थी। नवेद के मुताबिक 2 जून को उसने तीन साथियों के साथ गुलमर्ग सेक्टर से भारत में घुसपैठ की थी। इसके लिए उन्होंने फजा टॉप एरिया में बॉर्डर पर लगे तार भी काटे थे। नार्को एनालिसिस टेस्ट में नवेद ने बताया कि हाफिज सईद ट्रेनिंग कैंप में आता था। नवेद के मुताबिक उसकी ट्रेनिंग के दौरान दो बार हाफिज वहां आया था। इस पाक आतंकी ने बताया कि हाफिज कैंप में स्पीच देता था जिनमें आतंकियों को भारत जाकर हिंदूओं के कत्ल के लिए उकसाया जाता था।
एक अंग्रेजी अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि नवेद मजिस्ट्रेट के सामने इकबालिया बयान देने को तैयार हो गया है। बयान धारा 164 के तहत दर्ज किया जाएगा जो ट्रायल के दौरान मंजूर किया जाता है। बता दें कि पुलिस के सामने दिए गए बयान को कोर्ट में सबूत नहीं माना जाता। सूत्रों के मुताबिक जल्द ही एक मजिस्ट्रेट के सामने नवेद के बयान होंगे। इसमें उसे 24 घंटे का वक्त दिया जाएगा और मजिस्ट्रेट खुद अपनी हैंडराइटिंग में ये स्टेटमेंट दर्ज करेंगे। कानून के मुताबिक नवेद को 30 दिन से ज्यादा की पुलिस रिमांड में नहीं रखा जा सकता। पुलिस अब तक 15 दिन का रिमांड पूरा कर चुकी है। भारत और पाकिस्तान के एनएसए लेवल की बातचीत रद्द हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक अगर यह बातचीत होती तो भारत की ओर से पाकिस्तान को एक डोजियर सौंपा जाता जिसमें 17 आतंकी ट्रेनिंग कैंपों की डीटेल्स थीं। यह सभी कैंप आईएसआई और पाकिस्तानी आर्मी की निगरानी में चलाए जा रहे हैं। खास बात यह है कि इंडियन इंटेलिजेंस एजेंसीज ने सबूत जुटाए हैं उनसे साफ हो जाता है कि इन आतंकी कैंपों में लश्कर के अलावा दूसरे ग्रुप्स के भी आतंकी शामिल हैं।