मत्स्य पालकों को मिलेगी 50 प्रतिशत अनुदान की सुविधा

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लखनऊ। यूपी सरकार ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने हेतु मत्स्य पालकों को मत्स्य पालन हेतु 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की है। उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन विभाग द्वारा इंटीग्रेटेड फिश फार्मिंग योजना संचालित की जा रही है। इस योजना के तहत मछली के साथ-साथ बत्तख, शूकर, कुक्कुट आदि के पालन से आय में अतिरिक्त वृद्धि सम्भव हो सकती है। शासन द्वारा संचालित इंटीग्रेटेड फिश फार्मिंग योजना के अन्तर्गत 1,50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर लागत पर 50 प्रतिशत अर्थात 75,000 रुपये अनुदान दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। उत्तम मत्स्य प्रजातियों का शुद्ध बीज, मत्स्य पालन की आधारभूत आवश्यकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मत्स्य विकास निगम की हैचरियों तथा मत्स्य विभाग के प्रक्षेत्रों पर उत्पादित मत्स्य बीज की आपूर्ति मत्स्य पालकों को आक्सीजन पैकिंग में तालाब तक पहुंचाने की व्यवस्था की है। मत्स्य बीज वाहन से पहुंचाने की व्यवस्था सरकारी दरों पर की जाती है। मत्स्य पालक निजी क्षेत्र में स्थापित मिनी हैचरियों से भी शुद्ध बीज प्राप्त कर सकते हैं। मत्स्य पालकों के लिए तालाबों की मिट्टी पानी की जांच की सुविधा की व्यवस्था की गयी है। मछली की अधिक पैदावार के लिए तालाब की मिट्टी व पानी का उपयुक्त होना परम आवश्यक है। मत्स्य विकास निगम की हैचरियों तथा मत्स्य विकास के प्रक्षेत्रों पर मत्स्य बीजों का वितरण किया जा रहा है। मण्डल स्तर पर मत्स्य विभाग की प्रयोग शालाओं द्वारा मत्स्य के तालाबों की मिट्टी पानी की नि:शुल्क जांच की जाती है। मत्स्य पालकों को वैज्ञानिक विधि से मत्स्य पालन करने की तकनीकी सलाह दी जाती है। शासकीय मत्स्य विकास योजनाओं तथा अनुदान आदि के विषय में मत्स्य पालक संबंधित जनपद के मत्स्य विकास अभिकरण कार्यालयेां से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।