केन्द्र एवं राज्य सरकार के बीच फुटबाल बना किसान

kisan sookha
योगेश श्रीवास्तव
लखनऊ। कुदरत की मार से पीडि़त किसानों की सहायता राशि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के बीच फंसी हुई है। क्योंकि हाल में आयी आलावृष्टिï से किसानों की मदद के लिए केन्द्र सरकार से एक ढेला भी नहीं मिला। वहीं सूखा राहत के नाम पर केन्द्र सरकार द्वारा दिए गए करीब पांच सौ करोड़ रुपए को प्रदेश सरकार ने हैंडपंपों की मर मत आदि में खर्च कर दिए। इन किसानों का मामला विधानसभा में विपक्षी दलों द्वारा जोर शोर से उठाया गया लेकिन सरकार की ओर से कोई ठोस कार्ययोजना खुल कर नहीं आयी। जिससे कि किसानों को राहत मिल सके।
हाल में सम्पन्न हुए मानसून सत्र में प्रदेश सरकार ने स्वीकार किया वर्ष 2014 में कम बारिश के कारण प्रदेश के 58 जनपदों को सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया गया था। प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के 58 जनपदों को माह नव बर में ही सूखा ग्रस्त घोषित कर दिया गया था। इसके साथ ही सूखा राहत के लिए केन्द्र को प्रदेश सरकार द्वारा कई पत्र भी लिखे गए। इस पत्र में केन्द्र सरकार से करीब पांच हजार करोड़ मांगे गए थे। किंतु केन्द्र सरकार ने माह जनवरी के अंत में प्रदेश सरकार को 490.28 करोड़ रुपए सूखा राहत से पीडि़त किसानों के लिए दिये। प्रदेश सरकार ने इस धन को पीडि़त किसानों को देने के बजाए कृषि निवेश अनुदान हैंडपंपों के रीबोर तथा मत्स्य पालकों को अनुदान देने में खर्च कर दिए गए। सरकार द्वारा यह भी कहा गया कि सूखे के कारण एक भी किसान की मौत नहीं हुई। विधानसभा में यह जवाब भाजपा के श्याम देव राय चौधरी से प्रश्न के उत्तर में राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने दिए।
इसके अलावा इस वर्ष फरवरी एवं मार्च के महीने में अधिक बारिश एवं ओलावृष्टि हुई। इसमें 93 किसानों की मौत होने की बात सरकार द्वारा कहीं गयी। इन सभी किसानों के परिजनों को सात-सात लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने का दावा किया गया है। दैवीय आपदा से पीडि़त किसानों की सहायता के लिए प्रदेश सरकार द्वारा केन्द्र सरकार को कई पत्र दिए गए। लेकिन अब तक केन्द्र सरकार द्वारा एक रुपया भी नहीं आया। इसी कारण अधिकांश पीडि़त किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा कम मिला या फिर नहीं मिल सका। जबकि प्रदेश सरकार द्वारा यह दावा किया गया कि दैवीय आपदा से पीडि़त किसानों को करीब 3500 करोड़ रुपए प्रदेश सरकार ने अपने संसाधनों से वितरित किये। राज्य सरकार अब कह रही है कि केन्द्र से धन आने पर पीडि़त किसानों को मुआवजा दिया जायेगा। यह जानकारी भी राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा भाजपा के सुरेश राणा द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में दिया गया। इस वर्ष दिस बर एवं जनवरी माह में शीतलहरी चली। इस कारण प्रदेश में 14 लोगों की मौत होने की बात प्रदेश सरकार द्वारा कहीं गयी। इन किसानों के परिजनों को प्रदेश सरकार द्वारा डेढ़-डेढ़ लाख रुपए सहायता राशि दी गयी। जबकि दैवीय आपदा में प्रति मृतक किसान के परिजनों को सात सात लाख रुपए दिए गए। जबकि विपक्षी दलों द्वारा शीतलहर से मरने वालों की सं या 50 से अधिक बतायी जा रही है। यह जानकारी भी राजस्व मंत्री शिवपाल सिंह यादव द्वारा भाजपा के सुरेश कुमार खन्ना के एक प्रश्न के उत्तर में दी गयी।