जेटली बोले: खानदान और वंशावली का कोई मायने नहीं

arun jetly

नई दिल्ली। लोकतंत्र में वंशवाद कोई मायने नही रखता है, लेकिन भारत में ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है कि यहां की राजनीति में वंशवाद न हो। भारत सरकार के वित्त मंत्री अरूण जेटली यहां नेशनल लॉ युनिवर्सिटी के तीसरे दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि कानून और कारोबार की दुनिया में आज जो सबसे ठीक होता है, वही टिकता है परिवार के नाम, खानदान और वंशावली का कोई मायने नहीं रह जाएगा।
कांग्रेस और कुछ क्षेत्रीय पार्टियों पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जल्दी ही राजनीति में परिवार के नाम, खानदान और वंशावली के लिए कोई जगह नहीं रह जाएगी। उन्होंने कहा कि व्यवसाय की दुनियां में यह बदलाव पहले ही आ चुका है।
जेटली ने कहा कि भातर की अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली शीर्ष 50 कंपनियां में किसी पारंपरिक व्यावसायिक घराने की नहीं हैं। आशा ह कि, जल्द ही वह समय आएगा जब राजनीति में भी परिवार के नाम, खानदान और वंशावली का कोई मायने नहीं रह जाएगा। भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली ने किसी का नाम लिये बगैर उनके इस वक्तव्य का अर्थ इस बात से है कि कांग्रेस और कई क्षेत्रीय राजनीतिक दलों का नेतृत्व कुछ खास- खास परिवारों के हाथ में है। जेटली ने यह भी कहा कि प्रतिभा पलायन का मुहावरा अब प्रासंगिक नहीं रह गया है एवं भारत के पास एक ब्रेन बैंक है जो समाज, देश और दुनिया की सेवा कर सकता है। वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि अपने प्रतिभावान श्रमबल के दम पर भारत विश्व में खासकर विकसित देशों में जहां कार्यबल की कमी है, एक बड़ी भूमिका निभा सकता है। जेटली ने कहा कि वर्ष 1991 कई मायनों में भारत के लिए एक निर्णायक वर्ष रहा। 1991 से पहले सोचने की प्रक्रिया कहीं ज्यादा विनियमित थी जहां भारतीयों की ऊर्जा एवं क्षमताओं का पूर्ण दोहन नहीं हो सकता था। लेकिन, 1991 ने अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भी ऊर्जा को मुक्त किया। वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दशकों में जो बदलाव हुए हैं उनसे विद्यार्थियों को कई अवसर उपलब्ध हुए हैं। वर्ष 1991 को भारतीय इतिहास में एक निर्णायक मोड़ बताते हुए जेटली ने कहा कि अर्थव्यवस्थाओं के उदारीकरण के बाद दुनिया पहले के मुकाबले कहीं अधिक क्रूर हो गई है और इसमें जो अब सबसे ठीक होगा, वही टिकेगा और और जो सबसे उत्कृष्ट होगा वही पुरस्कार पाएगा।