योजना: अब दो किलो की बोतल में मिलेगी एलपीजी

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नई दिल्ली। भारत सरकार ने जनसुविधा के लिए आसानी से लाने-ले-जाने में 5 किलो का ईजी-टू-कैरी एलपीजी सिलिंडर उपलब्ध कराने के बाद अब 2 किलो की बोतल में एलपीजी उपलब्ध कराने जा रही है। इस योजना पर तीव्र गति से काम चल रहा है। एलपीजी की ये बोतलें स्थानीय किराने की दुकानों पर उपलब्ध होंगी। इसके अलावा नए एलपीजी कनेक्शन की ऑनलाइन बुकिंग भी शुरू कर दी गई है। सत्यापन के 48 घंटे में समीप की गैस एजेंसी का एक व्यक्ति आपके घर आएगा और अगले 3-4 दिनों में आपको घर बैठे नया कनेक्शन मिल जाएगा। रिफिल बुकिंग की ऑनलाइन व्यवस्था पहले ही शुरू हो चुकी है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस संबन्ध में जानकारी देते हुए कहा कि उपभोक्ता अब नया कनेक्शन ऑनलाइन बुक कर सकते हैं। इसका सत्यापन 48 घंटों के भीतर हो जाएगा और नजदीकी एलपीजी एजेंसी से नया गैस कनेक्शन अगले तीन चार दिन में उपभोक्ता के घर आ जाएगा। उन्होंने कहा कि इस शुरुआत से उपभोक्ताओं की नए गैस कनेक्शन के लिए गैस एजेंसियों के यहां भटकना नहीं पड़ेगा। वहीं सरकार दो किलो का रसोई गैस सिलेंडर लाने पर विचार कर रही है जिसे स्थानीय किराना दुकानों के जरिए दिया जाएगा।
वर्तमान में एलपीजी सिलेंडर 14.2 किलो के मिलते हैं उन्हें उठाने, लाने-ले-जाने में भी परेशानी होती है। उसका मूल्य 418 रुपए है। गरीब व ग्रामीण लोगों के लिए इतनी राशि एक साथ जुटाना मुश्किल होता है। इन्हें होगी राहत गरीब व कमजोर तबकों, विद्यार्थियों, प्रवासी मजदूरों, जिनके पास पते का सबूत नहीं होता है, उन्हें 5 व 2 किलो के सिलेंडर से राहत मिलेगी। 2013 में शुरू किए थे पांच किलो के सिलेंडर पेट्रोलिय मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि सरकार ने 155 रुपए में पांच किलो के एलपीजी सिलेंडर बेचना शुरू किए थे। अब हम 2 किलो के सिलेंडर जारी करने की योजना बना रहे हैं। इनसे उन लोगों को राहत मिलेगी जो 14.2 व 5 किलो के सिलेंडर नहीं खरीद पाते हैं।
25 लाख ने छोड़ी सब्सिडी
पेट्रोलियम मंत्री ने बताया कि भारत सरकार एलपीजी सब्सिडी छोडऩे की पहल के तहत देश के करीब 25 लाख लोगों ने एलपीजी सब्सिडी छोड़़ दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस साल 1 करोड़़ लोगों को अभी सब्सिडी छोडऩे के लिए प्रेरित करने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि सब्सिडी बैंक खातों में जमा कराने की योजना-डीबीटीएल से अब तक कुल 15.65 करोड़ ग्राहकों में से 13.8 करोड़ ग्राहक जुड़़ चुके हैं। 11 हजार करोड़़ की बचत चालू वित्त वषर्ष 2014-15 के केन्द्रीय बजट में एलपीजी सब्सिडी के लिए 40,591 करोड़़ का प्रावधान किया गया है। जबकि 2013-14 में 52,231 करोड़़ का प्रावधान था। इस तरह 11,640 करोड़ रपए की बचत होगी।