आरएसएस और भाजपा की बैठक में उठा राम मंदिर का मुद्दा

Mohan-Bhagwant-
नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की तीन दिवसीय समन्वय बैठक के पहले दिन आज राम मंदिर और अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठा। तीन दिवसीय समन्वय बैठक आज मध्यप्रदेश सरकार के मध्यांचल भवन में सुबह 9 बजे शुरू हुई। इस बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत सहित संगठन के सभी वरिष्ठ नेता और संघ से जुड़े अनेक संगठनों के प्रमुख हिस्सा ले रहे हैं। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के कुछ महत्वपूर्ण सहयोगी भी शामिल होंगे। मोदी बैठक के अंतिम दिन शामिल होंगे। इस बैठक में भाजपा सहित संघ के संगठनों के बीच समन्वय बनाने पर विचार-विमर्श के साथ-साथ प्रमुख मुद्दों व केंद्र सरकार के प्रमुख मंत्रालयों के कामकाज की समीक्षा की जाएगी। साथ ही बैठक में यह भी तय होगा कि विभन्न मुद्दों पर संगठनों की राय अलग-अलग न हो।
सूत्रों के अनुसार, बैठक में राम मंदिर और अनुच्छेद 370 का मुद्दा उठा। विश्व हिंदू परिषद ने कहा है कि राम मंदिर को लेकर जनता में गलत संदेश जा रहा है। मामले में सरकार को सकारात्मक तरीके से आगे बढऩा चाहिए।मोदी सरकार के कामकाज व भावी एजेंडे को लेकर यह बैठक महत्वपूर्ण है। संघ इसमें शिक्षा, संस्कृति, स्वास्थ्य, व्यापार, मजदूर, किसान व आम आदमी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपने संगठनों से मिली प्रतिक्रया को प्रधानमंत्री व विभिन्न मंत्रियों के सामने रखेगा। वह इन तमाम मुद्दों पर सरकार के सामने अपना भावी एजेंडा भी रख सकता है। बैठक में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व संगठन महामंत्री रामलाल हिस्सा लेंगे जबकि विभिन्न विषयों पर चर्चा में वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री भी हिस्सा लेंगे। बिहार के चुनाव को लेकर भी अलग से चर्चा हो सकती है लेकिन वह सामान्य ऐजेंडे में नहीं होगा। इसके अलावा वन रैंक वन पेंशन लेकर भी चर्चा की संभावना जताई जा रही है।संघ के प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा है कि बैठक में संघ के 25 वरिष्ठ नेताओं के साथ 15 संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी व कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। संघ के कामकाज में विस्तार होने से इस बार बैठक में सबसे ज्यादा 93 प्रमुख कार्यकर्ता भाग लेंगे। यह संख्या पिछली बैठकों से लगभग दो गुनी है। समन्वय बैठकें साल में दो बार जनवरी व सितंबर में होती हैं।
इन बैठकों में संघ के विभिन्न आनुषंगिक संगठनों में कार्य करने वाले कार्यकर्ता अपने देश भर के प्रवास के दौरान हासिल की गई जानकारियों का आदान-प्रदान करते हैं। इस तरह की पिछली बैठक लुधियाना में और उसके पहले दिल्ली में हुई थी। वैद्य ने साफ किया कि संघ की बैठकों में चुनाव पर चर्चा नहीं होती, लेकिन विभिन्न मुद्दों पर चर्चा जरूर होती है। वैद्य ने कहा कि इसमें सिर्फ सरकार की समीक्षा नहीं होगी, बल्कि सभी तरह की चर्चा होगी। बैठक में संघ प्रमुख तो पूरे समय मौजूद रहेंगे, लेकिन प्रधानमंत्री अपनी अनुकूलता के हिसाब से कुछ समय के लिए बैठक में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में हाल में आए धार्मिक जनगणना के आंकड़ों, मजदूरों से जुड़े मुद्दों, शिक्षा में सुधार के मुद्दों पर भी चर्चा होगी।