विहिप की मांग: बने राष्ट्रीय जनसंख्या नीति

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नासिक। विश्व हिंदू परिषद ने हाल ही में जारी किये गये धर्म आधारित जनगणना में हिंदुओं की घटती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की है। विहिप ने कहा कि मुस्लिमों द्वारा तमाम आधारों के जरिये अपनी जनसंख्या लगातार बढ़ा रहे हैं जोकि न्यायसंगत नहीं है।
जूना पीठाधीश्वर पूज्य स्वामी अवधेशानंद गिरि जी महाराज की अध्यक्षता में विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक नासिक कुंभ क्षेत्र त्र्यम्बकेश्वर में श्रीपंच दशनाम जूना अखाडा में सम्पन्न हुई। बैठक में प्रथम प्रस्ताव जनगणना की रिपोर्ट की भयावहता के प्रति संतों ने एक प्रस्ताव के माध्यम से अपनी भावना को व्यक्त करते हुए कहा कि आज इस हिन्दू समाज की जनसंख्या 80 प्रतिशत से भी नीचे हो गई है जो बड़ी चिंता का विषय है। यह चिंता केवल हिन्दू की नहीं अपितु देश की एकता और अखण्डता के प्रति आगामी संकट की आहट है। यह बात बिलकुल स्पष्ट है कि इस देश के सभी वर्ग जनसंख्या नियंत्रण में सब प्रकार का सहयोग कर रहे हैं परन्तु मुस्लिम समाज इसमें सहयोग करने के बजाए जनसंख्या वृृद्धि को एक अभियान के रूप में ले रहा है जो चिंतनीय है। घुसपैठ, धर्मान्तरण, बहुपत्नी विवाह, अधिक प्रजनन और आक्रामक नीति के आधार पर मुस्लिम समाज की जनसंख्या में 24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जबकि हिन्दू की जनसंख्या वृद्धि 7.50 प्रतिशत है। इसलिए सभी राज्य सरकारों को राष्ट्रीय जनसंख्या नीति बनानी चाहिए।
केन्द्रीय मार्गदर्शक ने गोरक्षा के लिए केन्द्रीय कानून तत्काल बनाने पर बल देते हुए कहा कि जब तक इस देश में गो का रक्त इस देवभूमि पर एक भी बूंद गिरेगा तब तक कोई भी अनुष्ठान सफल नहीं होगा तथा सुख-शांति समाज में स्थापित नहीं हो सकती। आज देश में विकास की बहुत बडी चर्चा हो रही है जबकि गौवंश भारत के अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। इसलिए गौवंश की रक्षा इस देश की राष्ट्रीय आवश्यकता है। भारत सरकार को तत्काल गोवंश पर केन्द्रीय कानून बनाकर भारतीय गोवंश आधारिक जैविक खेती को प्रोत्साहन देना चाहिए। साथ ही गोवंश तस्करी रोकने की सुदृृढ़ व्यवस्था बनानी चाहिए।