प्रदेश में कानून का राज हर हाल में कायम रहेगा: चौधरी

leader-rajendra-chaudhry
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा है जनता को झूठे सपने दिखाकर भाजपा केन्द्र की सत्ता में तो आ गई लेकिन सालभर से ज्यादा समय बीत गया वह अपना एक भी वायदा पूरा नहीं कर पाई। जनता के हित का कोई एक काम भी नजर नहीं आया। इसलिए अपनी कमियां छुपाने और लोगों को भ्रम में डालने के लिए नए-नए जुमले उछाले जाने लगे हैं। जुमलेबाजी की इस प्रतियोगिता में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाजी मार ले गए हैं। उनके बयान अनर्गल और सिर्फ जुमले ही होते हैं। उत्तर प्रदेश में पंचायती चुनाव की प्रक्रिया चल रही है। इसका उद्देश्य है कि जनता को अधिकार मिलें और वह स्वयं अपनी खुशहाली के संसाधन जुटा सके। प्रदेश में सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी गांधी जी की इस मान्यता की समर्थक है कि लोकतंत्र की इकाई गांव है जिसकी खुशहाली में ही देश की खुशहाली है। उनकी ग्राम स्वराज की कल्पना को मुलायम सिंह यादव ने जमीन पर उतारा और उसी रास्ते पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी चल रहे हैं। डा. लोहिया ने ही चैखम्भाराज का सिद्धांत प्रतिपादित किया था। इसके तहत ज्यादा से ज्यादा अधिकार पंचायत प्रतिनिधियों को समाजवादी सरकार देना चाहती है। भाजपा का गांव और खेती-किसान से कोई वास्ता नहीं रहा है। यह पार्टी पूंजीघरानों की पार्टी रही है। लघु उद्योगों की जगह भाजपा में बड़ी-बड़ी कम्पनियों को प्रोत्साहन मिलता है। इसलिए उसे पंचायत चुनावो में दिलचस्पी नहीं। उसका पंचायती व्यवस्था में भी विश्वास नहीं। भाजपा नेताओं को पहले से ही पता है कि पंचायती चुनावो में उनका खाता खुलने वाला नहीं है। अपनी सम्भावित पराजय से ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष पेशबंदी करते हुए समाजवादी सरकार पर छल बल से जीतने का आरोप मढ़ रहे है। समाजवादी सरकार के कार्यकाल मेें ही त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था लागू की गई थी। पंचायत प्रतिनिधियों को मानदेय एवं भत्ता देना तय हुआ था। वर्तमान सरकार ने सभी पंचायतों को आप्टिकल फाइबर से जोडऩे का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्पष्ट निर्देश दे रखे हैं कि पंचायत चुनावो में पूरी निष्पक्षता बरती जाएगी। हां, जो कानून व्यवस्था में बाधा डालने की कोशिश करेगें उनके साथ सख्त व्यवहार किया जाएगा। प्रदेश में कानून का राज हर हाल में कायम रखा जाएगा। भाजपा को जिला पंचायतो के चुनाव में व्यवधान डालने एवं शांति व्यवस्था से खिलवाड़ करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।