यादव सिंह और मुलायम कनेक्शन का सच आया सामने

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नई दिल्ली। आय से अधिक संपत्ति और रिश्वतखोरी के आरोपों में घिरे नोएडा अथॉरिटी के चीफ इंजीनियर रहे यादव सिंह के खिलाफ यूपी सरकार सीबीआई जांच कराने से हमेशा ही कतराती रही है। लेकिन अब हुए एक नए खुलासे ने इस पूरे मामले में मुलायम सिंह यादव के परिवार पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक यादव सिंह का समाजवादी पार्टी से बड़ा कनेक्शन सामने आया है। अखबार के मुताबिक रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव ने एक ऐसी आरोपी कंपनी के शेयर खरीदे थे जो यादव सिंह मामले में जांच के घेरे में हैं। इस कंपनी का नाम एनएम बल्डवेल है। इस कंपनी के डायरेक्टर राजेश कुमार मनोचा से अक्षय यादव ने करीब एक हजार शेयर खरीदे थे। राजेश कुमार मनोचा यादव सिंह का काफी करीबी था। बता दें कि इस कंपनी में यादव सिंह की पत्नी भी डायरेक्टर थी। यहीं नहीं आयकर विभाग एनएम बिल्डवेल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में इस कंपनी की जांच कर रहा है। जानकारी के अनुसार अक्षय ने सितंबर 2013 में एनएम बिल्डवेल कंपनी के 9 हजार 995 शेयर यादव सिंह के सहयोगी राजेश मनोचा से 10 रुपये के भाव पर खरीदे थे। 5 शेयर अक्षय की पत्नी ऋचा के नाम ट्रांसफर हुए थे। उस समय इस कंपनी के शेयर की कीमत लगभग 2050 रुपये होनी चाहिए थी। उसी के बाद यूपी सरकार ने सस्पेंड चल रहे यादव सिंह को नोएडा अथॉरिटी में बहाल कर दिया था। यादव सिंह के घर से पिछले साल नवंबर में सीबीआई ने 10 करोड़ ऑडी कार से बरामद किए थे।
कार उसी मनोचा की बताई जा रही है। वित्त मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक एनएम बिल्डवेल हवाला कारोबार के शक के घेरे में है। इनकम टैक्स कंपनी की जांच कर रहा है। मनोचा मैक्कन इंफ्रा नाम की कंपनी में निदेशक भी है। यादव सिंह केस में मैक्कन कंपनी भी जांच के घेरे में है। 2013 तक यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता भी निदेशक थी लेकिन फिर इस्तीफा दे दिया था।
सीबीआई जांच कर रही है कि क्या यादव सिंह फर्जी आवेदनों के जरिए मैक्कन को 30 औद्योगिक प्लॉट दिलाए थे। यूपी सरकार पर यादव सिंह को लेकर नरमी बरतने के आरोप लगते रहे हैं। पिछले महीने अखिलेश यादव की सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस आदेश का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट चली गई थी जिसमें सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था।
2007 में इस प्लाट की वैल्यू 1 करोड़ 58 लाख से अधिक थी और इसे बनाने में एक करोड 88 लाख रुपये से अधिक खर्च हुए। साल 2012 में संजय बाबा ने अपने 2500 शेयर वापस राजेश मिनोचा को बेच दिए उस समय प्रापर्टी की वैल्यू लगभग साढ़े तीन करोड़ रूपये थी. इसके साथ ही कंपनी के दो अन्य शैयर होल्डर राजेन्द्र मिनोचा और नम्रता मिनोचा ने भी अपने शेयर राजेश मिनोचा के नाम कर दिए और कंपनी का पूरा मालिक राजेश मिनोचा हो गया.
इस के बाद इस मामले मे नया मोड आया और राजेश मिनोचा ने सितंबर 2013 में अपनी कंपनी के 9995 शेयर रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव को औऱ पांच शेयर उसकी पत्नी रिचा यादव को दस रुपये प्रति शेयर के हिसाब से बेच दिए इस तरह से पूरी कंपनी का अधिकार अक्षय यादव औऱ उसकी पत्नी के पास आ गया. रिपोर्ट के मुताबिक जिस समय इन दोनों को ये शेयर दस रुपये के हिसाब से बेचे गए उस समय इस कंपनी के शेयर की कीमत लगभग 2050 रुपये होनी चाहिए थी और कंपनी के पास मौजूद प्लाट की कीमत चार करोड़ रूपये से ज्यादा थी जो मात्र एक लाख रुपये में दे दिया गया। आयकर विभाग ने इस मामले मे अक्षय और उसकी पत्नी के खातो की जांच के आदेश दिए है। उधर इस मामले में जाचं कर रही सीबीआई यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस कंपनी ट्रांसफर के पीछे यादव सिंह का ट्रासफर तो नही जुड़ा हुआ था सीबीआई अक्षय और उसकी पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुला सकती है।