देवी में आस्था: कपड़ों में लग गयी आग फिर भी रही नाचती

shimla kali
शिमला। हिमाचल के मंडी शहर के पुरानी मंडी में स्थित माता भद्रकाली मंदिर में आस्था का ऐसा मंजर देखा कि लोगों की रुह कांप गयी। यहां चल रहे आयोजन में भक्त आग पर नाचकर अपनी आस्था प्रकट कर रहे हैं। आस्था इतनी की इस दौरान एक महिला भक्त के कपड़ों में आग लग गई फिर भी वह देवी को खुश करने देर तक नाचती रही। मंडी के भटवाड़ में स्थित लुसाई नवदुर्गा माता मंदिर तथा त्रोकड़ा नाल में स्थित माता दुर्गा मंदिर में वार्षिक जोग होम का आयोजन किया जा रहा है। डंकन चौदश की संध्या पर आग के शोलों में नाचकर माता के गुरों ने अग्नि परीक्षा पास की दूसरों के दुखों को हरण करने के लिए जाग (होम) का आयोजन तुंगल घाटी के एकादश त्रोकड़ा धाम देवनाल में माता त्रोकड़ा दुर्गा के मंदिर में हुआ। रात 9 बजे से जाग का शुभारंभ हुआ। इसके चलते माता के मंदिर से मशालों के बीच करीब 2 दर्जन गुर और छरनाट लोहे के सांगल लेकर भैरव घाटी की ओर रवाना हुए। सबसे पहले माता के गर्भ गृह में पूजा-अर्चना हुई तथा भैरव घाटी में जाकर तमाम गुरों ने भैरव को आहार और पूजा-अर्चना कर नव ग्रह के मंदिर में प्रवेश किया। आश्चर्य की बात यह है कि आग पर नाचने के दौरान न तो भक्तों पांव जल रहे हैं ना ही उनके शरीर पर जलने के निशान ही दिख रहे हैं।
माता ने लोगों को जहां आशीर्वाद दिया वहीं बताया कि देवताओं व डायनों के बीच में घोघराधार में अंतिम युद्ध चल रहा है। पूरे भादो महीने में जो देवताओं व डायनों के बीच में सात युद्ध हुए उन युद्धों में कौन विजयी हुआ इसका खुलासा गणेश चतुर्थी (पत्थर चौथ) की संध्या पर चलेगा। पुजारी लाभ सिंह धरवाल ने बताया कि 38 सालों से माता के मंदिर में जाग का आयोजन हो रहा है। माता पत्थर फाड़कर प्रकट हुई थी। उन्होंने बताया कि माता के आदेशानुसार ही जाग का आयोजन होता है। इस क्षेत्र में माता के इर्द-गिर्द 11 प्रसिद्ध देवता निवास करते हैं।