सीबीएसई बोर्ड की राह पर चला संस्कृत शिक्षा परिषद

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लखनऊ। सीबीएसई की तर्ज पर यूपी बोर्ड की नौवीं व दसवीं की परीक्षा, प्रश्नपत्रों के प्रारूप व मूल्यांकन में हुए बदलाव अब संस्कृत शिक्षा परिषद भी लागू करने जा रही है। बदली व्यवस्था चालू सत्र की परीक्षा से पूर्व मध्यमा प्रथम खंड व द्वितीय खंड जो कक्षा नौ व दसवीं के समकक्ष है, उसमें लागू हो जाएगी।यूपी बोर्ड ने 2011-12 में यह व्यवस्था लागू की थी। संस्कृत शिक्षा परिषद के मुताबिक पूर्व मध्यमा प्रथम खंड व द्वितीय खंड में अब प्रत्येक विषय में 35 अंकों की लिखित परीक्षा व 15 अंकों का प्रायोगिक एवं आंतरिक मूल्यांकन होगा। आंतरिक मूल्यांकन में अब विद्यालय स्तर पर शैक्षणिक सत्र में प्रत्येक दो माह में तीन मासिक परीक्षाएं होंगी। ये परीक्षाएं सितंबर, नवंबर व जनवरी के अंतिम सप्ताह में होंगी। प्रत्येक मासिक परीक्षा में एक प्रयोग व एक प्रोजेक्ट कराना अनिवार्य है। इनका मूल्यांकन विद्यालय स्तर पर होगा।
पूर्व मध्यमा प्रथम खंड में सभी मासिक परीक्षाओं, प्रयोगात्मक व प्रोजेक्ट कार्य के अंक परिषद परीक्षा के प्राप्तांकों में शामिल होंगे। यही व्यवस्था पूर्व मध्यमा द्वितीय खंड में लागू होगी। इन परीक्षाओं के अंक उसकी वार्षिक परीक्षा के प्राप्तांकों में शामिल किए जाएंगे। दोनों को शामिल करके परीक्षाफल बनेगा। मासिक परीक्षाओं में परीक्षार्थियों को निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाए गए पाठों का उनके द्वारा किए गए क्रिया कलापों एवं कौशल वृद्धि से परीक्षण होगा।