पेटीकोट के लिए महिलाओं ने किया बवाल

lucknow vikas
लखनऊ। लखनऊ विकास प्राधिकरण में कार्यरत महिलाओं और पुरुषों को प्राधिकरण प्रत्येक चार साल में ड्रेस देने का प्रावधान है। इसी प्राविधान के तहत इस बार सभी महिला और पुरुषों को ड्रेस वितरित की गयी थी। महिलाओं को ड्रेस के रुप में प्राधिकरण की तरफ से साड़ी, ब्लाउज और पेटीकोट दिया जाता था, लेकिन इस बार सिर्फ साड़ी और ब्लाउज दिया गया। जिस महिलाओं ने गबन का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। महिला कर्मचारियों ने प्राधिकरण के सामने मांग रखी की या तो पेटीकोट का कपड़ा दिया जाये या फिर खरीदने के लिए पैसे दिये जाये। महिला कर्मचारियों के उग्र तेवर देखकर विभाग ने पेटीकोट का कपड़ा या उसे खरीदने का पैसा देने पर हामी ार ली है। प्राधिकरण के व्यवस्था अधिकारी अशोक पाल सिंह ने बताया कि वर्ष 2007 में शासनादेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को ड्रेस देने का प्रावधान किया गया था। इसके लिए हर एक पुरुष कर्मचारी के वास्ते 365 रुपए और महिला कर्मचारियों के लिए 325 रुपए स्वीकृत किए गए थे। महंगाई बढने की वजह से कपड़ों की कीमत भी बढ़ी है और सिर्फ 325 रुपए में साड़ी-ब्लाउज के साथ पेटीकोट आ नहीं रहा था। एलडीए में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को गर्मी-सर्दी की ड्रेस मिलती है। गर्मी की ड्रेस के दो सेट के लिए 650 रुपए प्रति कर्मचारी और सर्दी के लिए प्रति कर्मचारी 1050 रुपए दिए जाते हैं। फिलहाल यहां 1189 चतुर्थ श्रेणी के पुरुष और 48 महिला कर्मचारी हैं। सचिव श्रीचंद वर्मा का कहना है कि महिलाओं को उनकी ड्रेस का एक सेट दिया गया है। जब दूसरा सेट दिया जाएगा, तो उसमें पेटीकोट का भी कपड़ा एलडीए देगा।