देश को जोडऩे वाली भाषा है हिन्दी और उर्दू: अखिलेश

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लखनऊ। सीएम अखिलेश यादव ने उर्दू को बढ़ावा देने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा है कि उर्दू व हिन्दी देश को जोडऩे वाली भाषाएं हैं। दोनों भाषाओं ने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग की उर्दू पत्रिका नया दौर के अली बिरादरान विशेषांक के विमोचन पर श्री यादव ने कहा कि समाजवादियों ने हमेशा भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने का काम किया। मुलायम सिंह यादव द्वारा हिन्दी, उर्दू तथा संस्कृत के साहित्यकारों को सम्मानित करने का जो काम प्रारम्भ किया गया था, उस कार्य को वर्तमान सरकार आगे बढ़ा रही है। इन भाषाओं के विद्वानों को अकादमियों के पुरस्कार तथा यश भारती सम्मान प्रदान किए जा रहे हैं।
उर्दू प्रेमियों के बीच नया दौर की लोकप्रियता और खास पहचान का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने 69 साल के कामयाब सफर में इस पत्रिका ने अनेक मशहूर शख्सियतों पर विशेषांक प्रकाशित कर पाठकों को देशभक्तों, साहित्यकारों, पत्रकारों आदि के योगदान से परिचित कराया है। अली बिरादरान के नाम से लोकप्रिय मौलाना मोहम्मद अली जौहर तथा मौलाना शौकत अली पर केन्द्रित विशेषांक के लिए नगर विकास एवं अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद आजम खां को खासतौर पर बधाई देते हुए श्री यादव ने कहा कि उनके विशेष प्रयासों से इसका प्रकाशन सम्भव हुआ है। मौलाना मोहम्मद अली जौहर और मौलाना शौकत अली ने खिलाफत आन्दोलन के जरिए आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी। जिस प्रकार नेताजी मुलायम सिंह यादव ने डॉ. राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा और चिंतन को सरकारी योजनाओं में अपनाकर लोहिया जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाया, उसी प्रकार श्री आजम खां ने रामपुर में मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम पर विश्वविद्यालय स्थापित कर लोगों को इस महान देशभक्त के योगदान से वाकिफ कराया है। इस विश्वविद्यालय से न केवल वर्तमान पीढ़ी बल्कि आने वाली पीढिय़ां भी शिक्षा हासिल कर अपना भविष्य संवार सकेंगी। प्रमुख सचिव सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि नया दौर का यह विशेषांक डिजीटाइज कराकर वेबसाइट पर दर्शाया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा पत्रिका के दोनों विशेषांक उर्दू अकादमी को नि:शुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे।