मुम्बई। कॉमेडियन कपिल शर्मा किस किस को प्यार करूं फिल्म से बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे है। उनके फैंस को बेसब्री से इन फिल्म का इंतजार था लेकिन उन्होंने कुछ कमाल नहीं किया। यह फिल्म गोविंदा की उन फिल्मों की याद दिलाती है जिसमें उनकी दो-दो बीवियां होती थी। लेकिन इसमें दो नहीं बल्कि तीन बीवियां है और साथ में एक गर्लफ्रेंड भी है। इस फिल्म के डायरेक्टर अब्बास मस्तान पहली बार कॉमेडी में हाथ आजमा रहे हैं। हां इतना जरूर है कि उन्होंने किसी रोमांटिक या फिर एक्शनर हीरो से कॉमेडी कराने की कोशिश नहीं की है बल्कि एक कॉमेडियन को ही इस रोल के लिए चुना है। कपिल शर्मा ने अपना रोल ठीक से निभाया है। लेकिन पूरी फिल्म में सबसे बेहतरीन एक्टिंग की बात की जाय तो फिल्म में कपिल के दोस्त के रूप में वरूण शर्मा ने बहेतरीन काम किया है। वरूण कपिल पर भारी भी पड़े हैं।
कहानी: फिल्म की कहानी कुछ इस तरह है। कुमार शिव राम किशन (कपिल शर्मा) के जीवन में कुछ घटनाएं ऐसी घटित होती हैं जिसके चलते उसे तीन शादियां करनी पडती हैं। अपनी तीनों बीवियों को संभालना कुमार के लिए काफी मुश्किल होता है। कुमार अपनी गर्लफ्रेंड दीपिका (एली अवराम) से प्यार करता है। कुमार का दोस्त वकील (वरूण शर्मा) उसे राय देता है कि वह कॉकटेल टॉवर में एक ही जगह तीनों बीवियों के लिए फ्लैट ले। उसकी राय पर कुमार अपनी तीनों बीवियों को एक बिल्डिंग में अलग-अलग फ्लैट्स में रखता है। फिर एक दिन कुमार की गर्लफ्रेंड दीपिका (एली अवराम) भी आ जाती है। दीपिका के पिता गुलाब चंद्र (मनोज जोशी) को कुमार पर शक होता है कि वह पहले से ही शादी-शुदा है। वहीं दूसरी तरफ, कुमार के मां-बाप को भी पता चल जाता है। इसी के साथ कहानी तरह-तरह के मोड लेते हुए आगे बढती है और फिल्म में गजब का ट्विस्ट आता है।
निर्देशन: थ्रिलर फिल्में बनाने के लिए मशहूर अब्बास-मस्तान ने साबित किया है कि वे दर्शकों को गुदगुदाने वाली फिल्में भी बना सकते हैं। किस किस को प्यार करूं के जरिए उन्होंने एक अलग तरह की एक साफ-सुथरी कॉमेडी पेश की है जिसे दर्शक पसंद कर रहे हैं। कुछ एक जगहों को छोड़ दिया जाए फिल्म की कहानी अंत तक दर्शकों को बांधे रखती है।
एक्टिंग : कपिल शर्मा अपने सहपाठी कलाकार कृष्णा अभिषेक की तरह परदे पे चीखते चिल्लाते नजर नहीं आते। इस वजह से भी वे बुरे नही लगते। फिल्म में एक और किरदार है जिन्होंने दर्शकों का ध्यान आकर्षित किया है वो है वरूण शर्मा। उनकी उपस्थिति ने कपिल का पूरा साथ दिया है। उनकी वजह से कई जगहों पर कपिल की कमजोरी छुप जाती है। अरबाज खान के किरदार पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया है। वरना उनके किरदार पर काम किया जाता तो यह फिल्म और मनोरंजक बन सकती थी।