नेशनल डेस्क। अमेरिका के छह दिवसीय दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार रात को संयुक्त राष्ट्र सभा में भाषण दिया उन्होंने हिंदी में भाषण की शुरूआत करते हुए महात्मा गांधी को याद किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बदलाव करना बहुत जरूरी है। गरीबी उन्मूलन हमारा सबसे बड़ा लक्ष्य है, हमने गरीबों को बैंक एकाउंट और बीमा से जोड़ा है। गरीबों को सुरक्षा और हुनर हमारी प्राथमिकता है। हम गरीबी से मुक्त विश्व का सपना देख रहे हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि हम एक ऐसे विश्व का निर्माण करें, जहां सब सुरक्षित महसूस करें, हमें ऊर्जा पर निर्भरता भी कम करनी होगी, साफ और गैर पारंपरिक बिजली की ओर बढऩा होगा। 70 साल पहले यूएन के जन्म से बड़ी उम्मीद जगी थी, हम अपनी सफलता और स ंसाधन दूसरों से बांटेंगे, क्लाइमेट जस्टिस के जरिए गरीबों की मदद की जा सकती है, मैं ब्लू रिवॉल्यूशन का पक्षधर हूं। उन्होंने कहा कि सस्टेनेबल डेवलपमेंट सभी देशों के लिए राष्ट्रीय उत्तरदायित्व का विषय है। साथ ही उन्हें नीति निर्धारण के लिए विकल्पों की आवश्यकता होती है। आज हम यहां संयुक्त राष्ट्र में इसलिए हैं, क्योंकि हम सभी यह मानते हैं कि अंतरराष्ट्रीय साझेदारी अनिवार्य रूप से हमारे सभी प्रयासों के केंद्र में होनी चाहिए। फिर चाहे यह डेवलपमेंट हो या क्लाइमेट चेंज की चुनौती हो। हमारे सामूहिक प्रयासों का सिद्धांत है कॉमन बट डिफरेंशिएटेड रिस्पॉसिबिलिटी।
मैं उस संस्कृति का प्रतिनिधित्व करता हूँ जहां धरती को मां कहते हैं और मानते हैं। वेद उद्घोष करते हैं। माता भूमि: पुत्रो अहं पृथिव्या
ये धरती हमारी माता है और हम इसके पुत्र हैं।
उदारचरितानाम तु वसुधैव कुटुंबकम
उदार बुद्धि वालों के लिए तो सम्पूर्ण संसार एक परिवार होता है, कुटुंब है। आज भारत, एशिया तथा अफ्रीका और प्रशांत महासागर से अटलांटिक महासागर में स्थित छोटे छोटे आइसलैंड स्टेट्स के साथ डेवलपमेंट पार्टनर के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है। अंत में मै सबके कल्याण की मंगल कामना करता हूं।
सर्वे भवन्तु सुखिन:सर्वे सन्तु निरामया।
सर्वे भद्राणि पश्यन्त:मा कश्चिद्दुखभाग्भवेत्।।