वाराणसी। काशी में मूर्ति विसर्जन को लेकर संतों- बटुकों पर हुए लाठीचार्ज के बाद अखिलेश सरकार सुलह- सफाई के लिए संतों के द्वार पहुंच गई। सीएम का प्रस्ताव लेकर विद्यामठ पहुंचे पर्यटन मंत्री ओमप्रकाश सिंह को घायल बटुकों के कड़े विरोध का भी सामना करना पड़ा।
पर्यटन मंत्री ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के सामने लाठीचार्ज के लिए प्रशासन की गलती मानी और क्षमादान का आग्रह किया। जब वह नहीं मानें तो मंत्री ने शिवपाल यादव से फोन पर उनकी बात कराई लेकिन सीएम की ओर से लिखित खेद प्रकाश प्रकट करने की जिद पर बात आकर अटक गई। शाम करीब 6:30 बजे पर्यटन मंत्री विद्यामठ पहुंचे। उन्होंने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से मुलाकात की और लाठीचार्ज की घटना को दुखद करार दिया। मंत्री ने उन्हें बताया कि वह सरकार की ओर से उनसे मिलने आए हैं। इस मामले में अफसरों की ओर से चूक हुई है। उन्हें माफ कर दिया जाना चाहिए। स्वामी अविमुकेत्वरारानंद ने मंत्री को बताया कि उनके अफसरों के लगातार बयान आ रहे हैं कि वाराणसी में लाठीचार्ज की घटना हुई ही नहीं है। ऐसे में किसी को माफ करने का सवाल ही कहां उठता है। इसके बाद ओमप्रकाश ने लोक निर्माण मंत्री शिवपाल यादव से फोन पर अविमुक्तेश्वरानंद की बात कराई।
शिवपाल ने घायल संत का हाल पूछा और घटना पर अफसोस जताया। दोनों मंत्रियों से हुई बातचीत के बारे में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि मैंने शिवपाल से कहा है कि इस घटना के लिए सीएम को लिखित खेद प्रकाश करना चाहिए। अफसरों पर कार्रवाई वह नहीं चाहते।
लेकिन जेल में बंद भक्तों की बिना शर्त रिहाई और लादे गए मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए। इस पर शिवपाल ने कहा कि सीएम को आपकी भावना से अवगत करा दिया जाएगा। लेकिन इस मामले को खत्म कर देना चाहिए। इससे पहले विद्यामठ पहुंचे ओमप्रकाश का बटुकों ने रास्ता रोक लिया और नारेबाजी करने लगे लेकिन उनको समझा-बुझा कर शांत कराया गया।