यौन ऊर्जा को कई गुना बढ़ा सकता है वाजीकरण रसायन

vajikaranहेल्थ डेस्क। कामशक्ति बढ़ाने व यौन जीवन को खुशहाल बनाने का दावा करने वाली दवाओं का बाजार दुनियाभर में तेजी से फैलता जा रहा है। इसमें से आधे से कुछ कम हिस्सा जड़ी-बूटी आधारित दवाओं का है। वैज्ञानिक प्रमाणन के अभाव में भारत की आयुर्वेदिक दवाएं इस बाजार में अपना जलवा नहीं दिखा पा रही हैं। इस मामले में स्वामी रामदेव द्वारा पतंजलि द्वारा कई प्रकार की दवाओं का निर्माण किया जा रहा है और उसपर शोध भी चल रहा है। इससे इतर सागर विश्वविद्यालय में भी चल रहा शोध कार्य भारत को इस बाजार का सिरमौर बनने की राह दिखा सकता है।
फार्मेसी से जुड़े लोगों के अनुसार आयुर्वेद में जीवन में यौवन की उमंग-तरंग को बरकरार रखने के लिए वाजीकरण रसायन के सेवन को जरूरी बताया गया है। ऐसे रसायनों के सेवन से शरीर में वाजी यानी अश्व के समान ताकत पैदा हो सकती है। वाजी का अर्थ है बल। वाजीकरण रसायनों को कामशक्ति बढ़ाने व यौन जीवन को खुशहाल बनाने का दावा करने वाली दवाओं के रूप में बेचा जा रहा है। वैज्ञानिक प्रमाणीकरण के अभाव में ये दवाएं अपेक्षित लोकप्रियता हासिल नहीं कर पा रही हैं। हालांकि बाजार में ऐसे रसायनों को कामशक्ति बढ़ाने व यौन जीवन को खुशहाल बनाने का दावा करने वाली दवाओं के रूप में बेचा जा रहा है, लेकिन वैज्ञानिक प्रमाणीकरण के अभाव में ये दवाएँ देशी व विदेशी बाजार में अपेक्षित लोकप्रियता हासिल नहीं कर पा रही हैं। सागर विवि में चल रहे शोध के अनुसार चूहों पर किए गए प्रयोगों से यह पता चला है कि इन औषधीय घटकों में मानव शरीर के यौवन काल की उमंग-तरंग को लंबे समय तक बरकरार रखने की अद्भुत ताकत है। शोध कर रहे छात्राों के अनुसार भले ही इन पौधों से बनी दवाओं को कामशक्ति बढ़ाने व यौन जीवन को खुशहाल बनाने वाला बताकर बेचा जाता है, परंतु ये जड़ी-बूटियां पूरे शरीर को सेहतमंद बनाने का काम करती हैं। विभिन्न वाजीकरण रसायनों को मिलाकर एक नई औषधि की खोज की गई है, जिसका चूहों पर भी सफल प्रयोग किया जा चुका है व अगले चरण में मनुष्यों पर इसका प्रयोग होगा। इंसानों में इन रसायनों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में हजारों साल पहले से ही होता चला आ रहा है। नई ईजाद की गई दवा को पेटेंट कराने के लिए भी कोशिश चल रही है।