लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के साथ प्रदेश भर में अनुबंध पर संचालित यात्री प्लाजा पर यात्रियों को अच्छे खाने के साथ ही बेहतर सुविधाएं उपलब्ध न होने की शिकायत पर परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक के रवींद्र नायक ने सख्त रुख अख्तियार किया है। उन्होंने सभी क्षेत्रीय प्रबन्धक, सहायक क्षेत्रीय प्रबन्धक (डिपो) को समय-समय पर यात्री प्लाजा व कैण्टीनों की खाद्य सामग्री की गुणवत्ता का औचक परीक्षण खाद्य निरीक्षक से कराये जाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही प्रबंध निदेशक ने यात्री प्लाजा/कैण्टीन में उपलब्ध खाद्य सामग्री की गुणवत्ता मानक अनुरूप न मिलने पर जुर्माना, अनुबंध समाप्त करने के साथ ही ब्लैकलिस्टिंग की कार्रवाई करने की भी बात कही। उन्होंने क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले सभी यात्री प्लाजा एवं कैण्टीन में उपलब्ध खाद्य सामग्री का औचक परीक्षण क्षेत्र के खाद्य निरीक्षक से कराकर निरीक्षण रिपोर्ट व प्रकरण पर सुस्पष्ट आख्या से मुख्यालय को हर महीने अवगत कराने के भी निर्देश दिये। सभी यात्री प्लाजा, कैण्टीन/स्टाल में खाद्य सामग्री की दरों (रेट लिस्ट) का स्पष्ट रूप से प्रदर्शन व परिवाद पुस्तिका की उपलब्धता भी सुनिश्चित कराने की बात कही।
प्रदेश में परिवहन निगम की 9500 बसें तकरीबन 18,000 किलोमीटर की दूरी तय करती हैं। रोडवेज बसों में हर दिन पांच लाख यात्री सफर करते हैं। यात्रियों को यात्रा के दौरान खानपान व प्रसाधन (टॉयलेट) आदि की सुविधा को ध्यान में रखते हुए तत्कालीन एमडी मुकेश कुमार मेश्राम ने यात्री प्लाजा योजना प्रारम्भ की थी, जिसके तहत वर्तमान में विभिन्न मार्गो पर यात्री प्लाजा संचालित हैं। निगम प्रबन्धन को शिकायत मिली है कि कुछ यात्री प्लाजा व कैंटीन पर गुणवत्तापरक खाद्य सामग्री नहीं की जा रही है और न ही खाद्य सामग्री की दरें (रेट लिस्ट) स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हैं। शिकायत दर्ज करने के लिए यात्री को शिकायत पुुस्तिका भी उपलब्ध नहीं करायी जाती हैं। इससे यात्रियों को तो असुविधा का सामना करना ही पड़ता है साथ ही निगम की छवि भी धूमिल होती है। यात्रियों को बेहतर सुविधा मिले इसके लिए प्रबंध निदेशक के रवींद्र नायक ने सभी अधिकारियों को तत्काल निरीक्षण करने के निर्देश दिए हैं।
परिवहन निगम के प्रवक्ता अनवर अंजार ने बताया कि यात्री प्लाजा व कैण्टीन स्वामी को अनुबन्ध अवधि में एफडीए/ एगमार्क मानकों का पालन करना अनिवार्य व कोई भी विचलन दण्डनीय होगा। इसी प्रकार खाद्य पदार्थो को तैयार करने में प्रयोग में लायी जाने वाली एडबिल ऑयल आदि हानिकारक फैट कंटेंट व लो-सैचुरेटेड फैट को ध्यान में रखकर उच्चतर मानकों के अनुरूप प्रयुक्त करना अनिवार्य होगा। खाद्य व पेय पदार्थो में मिलावट या नकली ब्राण्ड के खाद्य व बिक्री किये जाने, निगम परिसर में किसी संज्ञेय अपराध में लिप्त पाये जाने पर स्टॉल संचालक के खिलाफ नियमानुसार एफआईआर करते हुये अनुबन्ध निरस्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्टॉल संचालक को ब्लैक लिस्ट करने की कार्रवाई की जाएगी। यात्री किसी भी प्रकार की परेशानी होने पर परिवहन निगम के टोल फ्री नम्बर 18001802877 पर 24 घंटे अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।