दक्षिण एशियाई खेलों पर राष्ट्रमंडल खेलों की छाया

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नई दिल्ली। भ्रष्टाचार का अड्डा बने 2010 राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जरनैल सिंह को इस साल 10 से 20 दिसंबर तक गुवाहाटी और शिलांग में होने वाले 12वें दक्षिण एशियाई खेलों (सैग) की आयोजन समिति का महासचिव बनाया गया है। 2010 में दिल्ली में राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन में भ्रष्टाचार को लेकर तत्कालीन संप्रग सरकार पर जमकर हमले हुए थे। यही नहीं राष्ट्रमंडल खेल आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी और महासचिव ललित भनोट सहित कई लोगों को जेल की हवा भी खानी पड़ी थी। हालांकि जनरैल सिंह पर भ्रष्टाचार का कोई आरोप नहीं है लेकिन उनके सीईओ रहते हुए घोटाले को रोका नहीं जा सका। इस समिति के अध्यक्ष केंद्रीय खेल मंत्री सर्बानंद सोनोवाल हैं और इसकी पहली बैठक उनकी अध्यक्षता में ही नौ जुलाई को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम स्थिति भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) के दफ्तर में होगी। भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) के अध्यक्ष एन रामचंद्रन, असम के खेल मंत्री अजीत सिंह और मेघालय के खेल मंत्री जेनिथ एम संगमा इस समिति के सह-अध्यक्ष हैं। आइओए महासचिव राजीव मेहता, केंद्र सरकार के सचिव (खेल) अजीत मोहन शरण, साइ के महानिदेशक इंजेटी श्रीनिवास, असम के कमिश्नर व सचिव (खेल) अजय तिवारी और मेघालय के सचिव (शिक्षा विभाग एवं खेल) एफआर खारकोनगोर सहित 35 अन्य सदस्य भी इस आयोजन समिति में शामिल हैं।
आज से शुरू होगा बैठकों का दौर
दक्षिण एशियाई खेलों की तैयारियों को लेकर बुधवार को नई दिल्ली के पांच सितारा होटल में आइओए पहली बैठक करेगा। इसमें आइओए के अधिकारियों के अलावा इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले आठ सदस्य देशों के प्रतिनिधि भाग लेंगे। वहीं, गुरुवार को आयोजन समिति की पहली बैठक होगी। आयोजन समिति की बैठक में इस प्रतियोगिता को मूर्त रूप देने के लिए बनाई जाने वाली उप समितियों पर निर्णय लिया जाएगा। साथ ही इस बात पर चर्चा की जाएगी कि किस तरह समय से पहले सभी जरूरी काम निपटा लिए जाएं।