सस्पेंडेड आईपीएस व पत्नी की प्रताडऩा हाई कोर्ट सख्त

amitabh ipsलखनऊ। यूपी के निलंबित आईपीएस अमिताभ ठाकुर तथा एक्टिविस्ट डा. नूतन ठाकुर को जानबूझ कर परेशान करने की न्यायिक जांच कराये जाने हेतु दायर याचिका की सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव आलोक रंजन, डीजीपी जगमोहन यादव सहित अन्य वरिष्ठ अफसरों से ठाकुर दंपत्ति के खिलाफ दर्ज किये मामलों घटनाक्रम और विभिन्न न्यायिक फोरम में लंबित मुकदमों का विवरण मांगा है। नूतन की याचिका पर सुनवाई चीफ जस्टिस डा. डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एस एन शुक्ला की बेंच ने की। याचिका पर अमिताभ और नूतन ने खुद ही कोर्ट में अपना पक्ष रखा। दोनों ने कहा कि यादव सिंह और गायत्री प्रजापति मामलों की पैरवी के बाद से ही उन्हें कई प्रकार की प्रताडऩा का सामना करना पड़ा है। जिसमे 3 जनवरी को धमकी, 17 जनवरी को रेप के फर्जी आरोप, 1 जुलाई को मुलायम सिंह द्वारा धमकी, 11 जुलाई को रेप का फर्जी मुकदमा, 13 जुलाई को निलंबन और विभागीय कार्यवाही और 16 सितम्बर को आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा शामिल है। उन्होंने इसके आधार पर न्यायिक जांच की मांग की। सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप नरायण माथुर ने कहा कि इन दोनों के मामलों में सरकार नियमानुसार कार्यवाही कर रही है और इसमें किसी जांच की जरुरत नहीं है। कोर्ट ने दोनों पक्षों की बात सुन कर दोनों से अब तक हुई घटनाक्रम और विभिन्न न्यायिक फोरम में लंबित मुकदमों का विवरण पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट इस मामले की 30 सितंबर को भी सुनवाई करेगी।