हाई कोर्ट ने यूपी सरकार को लताड़ा: कांग्रेस भी भड़की

High-Court-Lucknowलखनऊ। उच्च न्यायालय ने समाजवादी पार्टी की प्रदेश सरकार को प्रदेश में संवैधानिक संकट उत्पन्न करने के कारण महाधिवक्ता को फटकार सुनाई है तथा यहां तक कहा है कि क्यों न प्रदेश में राष्ट्रपति शासन घोषित कर दिया जाये। प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर भी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा फटकार मिल चुकी है।
उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी ने समाजवादी पार्टी द्वारा किये गये इस असंवैधानिक कार्य की घोर निन्दा किया है। कांग्रेस ने कहा है कि लोहिया के विचारों वाली यह पार्टी पूर्णतया तानाशाह हो गयी है। प्रदेश की समाजवादी पार्टी की सरकार न तो संविधान का सम्मान करती है और न ही माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन। उत्तर प्रदेश कंाग्रेस कमेटी समाजवादी पार्टी द्वारा पंचायत चुनावों में की गयी देरी तथा उसकी पवित्रता को नष्ट करने के समस्त कार्यो, चुनाव संहिता के दौरान आईएएस, आईपीएस एवं पीसीएस अधिकारियों के स्थानान्तरण चुनाव आयोग को गुमराह करके, की कठोर निन्दा करती है तथा यह मांग करती है कि उत्तर प्रदेश सरकार जनता को इस बात का जवाब दे कि वह कौन से कारण हैं जिनकी वजह से प्रदेश सरकार ने ग्राम प्रधानों के चुनाव में इतना विलम्ब किया तथा प्रदेश सरकार इस बात का भी जवाब दे कि यदि ग्राम प्रधानों के ही चुनाव समय से नहीं हो पाये तो वह किस प्रकार से 15 जनवरी को रिक्त होने वाले विधान परिषद के चुनावों को समय से सम्पन्न करायेगी। क्योंकि इसमें स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों द्वारा ही मतदान किया जाता है।
प्रदेश कंाग्रेस कमेटी ने समाजवादी पार्टी की सरकार पर यह आरोप लगाती है कि प्रदेश सरकार की विफलता का सबसे बड़ा कारण उसमें व्याप्त भ्रष्टाचार है जिसके कारण प्रदेश सरकार द्वारा नियुक्त किये गये उच्च शिक्षा आयोग के सदस्यों, लोक सेवा आयोग के सदस्यों एवं माध्यमिक सेवा आयोग के सदस्यों की नियुक्ति को भी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया। प्रदेश सरकार पूरी तरह से हर मोर्चे पर विफल रही है। न तो वह प्रदेश में कानून व्यवस्था ही स्थापित कर पायी और न ही बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करा पायी। जितनी भी सरकारी नियुक्तियां हुईं वे भी माननीय उच्च न्यायालय द्वारा असंवैधानिक करार दी गयीं।