धर्मनगरी में अधर्म का कोहराम: हिंसक वारदात के बाद कफ्र्यू

banaras hinsa

वाराणसी। धार्मिक नगरी के रूप में पूरी दुनियां में मशहूर काशी में कुछ ऐसा हुआ कि पूरे शहर में कोहराम मच गया। जगह जगह आगजनी और हिंसक वारदातों का सिलसिला काफी चलता रहा, जिसके बाद पुलिस ने 4 थाना क्षेत्रों में कफ्र्यू लगा दिया है। काशी के कोतवाली, दशाश्वमेघ, चौक और चेतगंज इलाके में प्रशासन ने कफ्र्यू की घोषणा कर दी है।
जानकारी के अनुसार अन्याय प्रतिकार यात्रा चार बजे के आस-पास यात्रा टाऊन हाल मैदान से गोदौलिया के लिए कूच कर गई। यात्रा जैसे ही नीचीबाग से आगे बढ़ी कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस पर पथराव कर दिया और पुलिस जीप भी फूंक दी। जिसके बाद बवाल बढ़ गया और पुलिस को एक बार फिर संतों पर लाठी चलानी पड़ी। पथराव के चलते कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालांकि बवाल के बीच यात्रा लगातार जारी रही और दशश्वमेघ घाट की ओर बढ़ गई। ताजा जानकारी के मुताबिक घटनास्थल पर तनाव बरकरार है जबकि पुलिस ने गोदौलिया, चौक और मैदागिन इलाकों को सील कर दिया है। पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है।
गोदौलिया पहुंचते ही हिन्दू युवा वाहिनी के लोगों ने पीएसी के तीन जवानों को बुरी तरह पीट दिया। जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया जिसके बाद भीड़ में भगदड़ मच गई। लाठीचार्ज के खिलाफ रैली में शामिल लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव के बाद जनता आगजनी पर उतारू हो गई। पुलिस जीप और पुलिस बूथ के साथ कई स्थानों पर आगजनी की। भीड़ को भगाने के लिए पुलिस को लाठी के अलावा आंसू गैस के गोले और रबर बुलेट भी छोडऩे पड़े। आंसू गैस के जवाब में भीड़़ की ओर से पुलिस पर पेट्रोल बम फेंके गए। हंगामे के 10 मिनट बाद ही स्थित पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो गई। भीड़ इस तरह भड़की कि जो भी हाथ लगा तोड़ दिया या जलाना चाहा। ऐसा माना जा रहा है कि विवाद का पटापेक्ष अगर एसएसपी चाहते तो पहले ही करवा सकते थे। गोदौलिया में पुलिस व्यवस्था लचर थी जिसके चलते बवाल इतना तेजी से बढ़ गया और पुलिस कुछ नहीं कर सकी।
यात्रा में हजारों साधु-संतों के साथ विभिन्न संगठनों के लोग शामिल थे। यात्रा मार्ग भी खचाखच भरा हुआ था। हर तरफ सिर्फ बाबा विश्वनाथ के उद्घोष हो रहे थे। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के तगड़े इंतजाम किए गए थे। दोपहर तीन बजे के आसपास स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज टाऊन हाल मैदान पहुंचे और वहां सभा को संबोधित किया। उनके अलावा कई और संतों ने लोगों को संबोधित किया और हर हाल में गंगा में ही प्रतिमा विसर्जन का संकल्प दोहराया। इश दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर आग उगली गई।