मुंबई। कई महीनों से विवादों में घिरी रहीं सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां को मुम्बई पुलिस की ओर से बड़ी राहत मिली है। मुंबई पुलिस ने बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया कि राधे मां द्वारा काला जादू अधिनियम का उल्लंघन किए जाने का कोई सबूत नहीं मिला है।
पुलिस ने कहा कि शिकायतकर्ताओं, गवाहों व संदिग्ध के बयान दर्ज करने और राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर के घर की तलाशी के बाद महाराष्ट्र मानव बलि और अन्य अमानवीय, शैतानी व अघोरी कृत्यों की रोकथाम व उन्मूलन और काला जादू कानून के प्रावधानों के उल्लंघन का कोई सबूत नहीं मिला है।
पुलिस ने जस्टिस वीएम कनाडे और जस्टिस शालिनी फनसालकर जोशी की खंडपीठ के समक्ष हलफनामा दायर किया है। यह हलफनामा वकील फाल्गुनी ब्रह्मभट्ट की ओर से दायर की गई जनहित याचिका के जवाब में दायर किया गया, जिसमें राधे मां के खिलाफ अश्लीलता के आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई। इसमें यह भी बताया गया कि उनकी शिकायत पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। पुलिस ने हलफनामे में कहा कि ब्रह्मभट्ट की शिकायत पर उनका बयान दर्ज किया गया और राधे मां का भी बयान दर्ज किया गया, जिन्होंने दावा किया कि उन्हें फंसाया गया है। हलफनामे पर गौर करने के बाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई दो हफ्ते के लिए स्थगित कर दी।