पुस्तक मेले में छाये डा. अब्दुल कलाम, 1 करोड़ की बिक्री

book fairलखनऊ। राजधानी के मोतीमहल लॉन में चल रहे 13वें राष्ट्रीय पुस्तक मेले का सातवां दिन भी लिखने पढऩे वालों से गुलजार रहा। तेरहवां पुस्तक मेला है और भारतीय संविधान और भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम को समर्पित है। यही वजह है कि इस बार एक तरफ तो एपीजे अब्दुल कलाम के साहित्य की धूम है तो दूसरी तरफ भारतीय संविधान को समझने वालों की तादाद भी अच्छी-खासी नजर आ रही है।
पुस्तक मेले में हिन्दी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत और सिन्धी सभी को बराबर का सम्मान मिल रहा है। उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान, हिन्दुस्तानी अकादमी, नेशनल काउन्सिल प्रमोशन ऑफ सिंधी लैंग्वेजेज, नेशनल काउंसिल प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेजेज, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी और उर्दू अकादमी दिल्ली के स्टाल पुस्तक मेले में लगाए गए हैं। सभी स्टालों पर लोग अपनी मर्जी की किताबें खरीदने में व्यस्त हैं। पुस्तक मेले बने सांस्कृतिक पंडाल में बने सांस्कृतिक मंच से अमृतांशु त्रिपाठी की पुस्तक ए मिलियन हार्ट ब्रेक्स पर चर्चा हुई जिसमें पुस्तक समीक्षकों ने अपनी राय रखी। कानून के छात्र अमृतांशु की इस अंग्रेजी पुस्तक में युवा दिलों की धड़कन को अच्छी तरह से महसूस किया जा सकता है। अमृतांशु ने अपनी इस पुस्तक को प्रकाशित कराने के लिए किसी प्रकाशक से संपर्क करने के बजाय खुद प्रकाशित कराया। लखनऊ में प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले इस राष्टï्रीय पुस्तक मेले में राष्टï्रीय व अंतर्राष्टï्रीय स्तर के कई नामी गिरामी बुक सेलर्स हिस्सा ले रहे जिसमें कई चर्चित पुस्तकों को पाठकों के सामने रखी गयी है। पढऩे लिखने के शौकिन लखनऊवासी भी चर्चित लेखकों की बेस्टसेलर्स किताबों में जमकर रूचि दिखा रहें है। पुस्तक मेले के आयोजकों के अनुसार पुस्तक मेले के सातवें दिन लगभग 1 करोड़ रुपये ऊपर किताबों की बिक्री हो चुकी है जो आगे भी बढ़ती जायेगी।