आ गया पुरखों की विदाई का समय : पितृ मोक्ष अमावस्या सोमवार को

Pitru Paksh

रायपुर। पितृ पक्ष का शनिवार को 13वां दिन है, वहीं इसका समापन 15वें दिन 12 अक्टूबर को अमावस्या के दिन होगा। सोमवार के दिन अमावस्या की तिथि होने से खास संयोग निर्मित हो रहा है। सोमवती अमावस्या होने से पितृ मोक्ष का इस बार कई गुना महत्व बढ़ गया है। इस वजह से इस दिन पितृ मोक्ष के साथ ही भगवान शंकर का आशीर्वाद भक्तों को मिलेगा।
पितृ पक्ष का अंतिम दिन पितृ मोक्ष अमावस्या के कारण खास होता है, लेकिन इस बार खास संयोग निर्मित होने से इस तिथि का महत्व बढ़ गया है। पंडितों के अनुसार सर्व पितृ अमावस्या पर सभी पितरों का श्राद्ध किया जाता है। इस दिन सोमवार का पडऩा पूजा-पाठ, उपवास के लिए विशेष शुभ फलदायी है। दिन सोमवार व तिथि अमावस्या का एक साथ पडऩा सोमवती अमावस्या कहलाता है। ऐसा संयोग कई सालों में कभी-कभी पड़ता है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करके पितरों को जल अर्पण करने को महत्व दिया जाता है इसलिए पितर पक्ष में पड़ रही सोमवती अमावस्या पर विशेष पूजा-अर्चना कर पितरों के मोक्ष की कामना की जाएगी।
दान का बड़ा महत्व: सोमवती अमावस्या के साथ ही पितृ मोक्ष के कारण दान का महत्व रहेगा। इस दिन खाद्य सामग्री के साथ ही वस्त्र, चांदी, गरीबों को भोजन व ब्राह्मणों को दान का महत्व होता है। अलग-अलग तरह की सामग्री का दान करने से पापों व ऋण से मुक्ति और पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष मिलता है।