भ्रष्टाचार पर जेपी का मार्गदर्शन आज भी प्रासंगिक: राम नाईक

ram naik 11 octलखनऊ। यूपी के राज्यपाल राम नाईक ने लोक नायक जय प्रकाश नारायण की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए यह जरूरी नहीं कि कोई बनी बनाई व्यवस्था समाप्त कर दी जाए। हां उसमें बदलाव लाने की पूरी संभावना होती है जो करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इतना बड़ा व्यक्तित्व होने के बावजूद जेपी छोटे-छोटे कार्यकर्ताओं की भी सुनते थे। उनसे जुड़ा एक प्रसंग सुनाकर यह भी बताया कि जेपी जनसंघ के साथ भी थे। उन्होंने कहा कि जेपी कहा करते थे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में जो भी साथ आए उसका स्वागत है। इसके साथ ही राज्यपाल ने लखनऊ शहर में लोक नायक जेपी की मूर्ति नहीं होने पर आश्चर्य जताया और कार्यक्रम आयोजक संस्था से उनकी प्रतिमा लगवाने का सुझाव दिया। राज्यपाल नाईक ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि सरकार ही इस पर काम करे, सभी लोग मिलकर प्रतिमा लगवा सकते हैं।
प्रदेश सरकार के बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चैधरी ने कहा कि जेपी एक ऐसे नेता थे जिन्होंने देश की आजादी की तो लड़ाई लड़ी ही, आजादी के बाद भी देश की जनता के हितों के लिए उन्होंने निरंकुश सत्ता के खिलाफ आवाज बुलंद की। वे भारत ही नहीं बल्कि नेपाल में भी गिरफ्तार हुए लेकिन जेलों से भाग कर 1942 क्रांति के लिए जनता के बीच अलख जगाने का काम किया। वे कभी छात्र आंदोलनों के आवाज बने तो कभी किसान के। निरंकुश सरकारों और भ्रष्टाचार के खिलाफ संपूर्ण क्रांति परिकल्पना की थी जोकि पूरी नहीं हो सकी थी। उसे पूर्ण करने के लिए देश के आमजन के अलावा युवाओं को भी प्रमुखता से आगे आना होगा।