नई दिल्ली। आरएसएस का मुखपत्र पान्चजन्य में गाय को मारने की अफवाह के बाद दादरी में एक शख्स की पीटकर हत्या करने के मामले को सही ठहराया गया है। लेख में कहा गया है कि वेदों में गाय को मारने वाले पापियों की हत्या का आदेश दिया गया है। इस उत्पात के उस पार शीर्षक वाले इस लेख में आरोप लगाया गया है कि मुस्लिम नेता भारतीय मुसलमानों को देश की परंपरा से नफरत करना सिखाते हैं। दादरी में मारे गए इकलाख ने शायद इन्हीं बुरी नसीहतों के प्रभाव में आकर एक गाय को मारा होगा। इस बीच, उधर, लेख पर प्रतिक्रिया देते हुए आरएसएस के विचारक राकेश सिन्हा ने कहा कि पांचजन्य में एक लेखक की दिग्भर्मित राय को संघ की राय बताना गलत है। उन्होंने कहा कि यह लेखक की निजी राय है। लेख के मुताबिक, इस मसले पर लेखक शांत क्यों रहे। वेद का आदेश है कि गोहत्या करने वाले के प्राण ले लो। हममें से बहुतों के लिए तो यह जीवन-मरण का प्रश्न है। इस लेख को हिंदी लेखक तुफैल चतुर्वेदी ने लिखा है।
इसमें कहा गया है कि गोहत्या हमारे लिए इतनी बड़ी बात है कि सैकड़ों साल से हमारे पूर्वज इसे रोकने के लिए अपनी जान की बाजी लगी कर हत्या करने वालों से टकराते रहे हैं। इतिहास में सैकड़ों बार ऐसे मौके आए हैं, जब मुस्लिम आक्रमणकारियों ने हिंदुओं को मुसलमान बनाने के लिए उनके मुंह में बीफ ठूंसा है।