महाराष्ट्र सरकार का फैसला: जनसंख्या के हिसाब से मिलेगी नौकरी

Devendra Fadnavisमुम्बई। महाराष्ट्र सरकार ने सरकारी नौकरियों में विदर्भ, मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र के लोगों को इन क्षेत्रों की जनसंख्या के अनुपात में नौकरियां देने के मामले पर विचार के लिए मंत्रिमंडल की एक उपसमिति का गठन किया है। इस बारे में सरकार ने आदेश भी जारी कर दिया है। राज्य के वित्त और नियोजन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है।
जानकारी के अनुसार इस संदर्भ में राज्य सरकार ने 1953 में हुए नागपुर समझौते का हवाला दिया है। सरकार का कहना है कि नागपुर समझौते की कुल 11 शर्ते थीं, जिसमें 8वीं शर्त सरकारी नौकरियों में भर्ती से सम्बंधित है। इसी शर्त के आधार पर सरकार ने फैसला किया है कि वह इस बात का पता लगाएगी कि सरकारी दफ्तरों और राज्य शासन द्वारा नियंत्रित होने वाले उपक्रमों में विदर्भ, मराठवाड़ा और शेष महाराष्ट्र के लोगों को जनसंख्या के अनुसार प्रतिनिधित्व मिला है अथवा नहीं। अगर नहीं मिला है, तो सरकार इन्हें योग्य प्रतिनिधित्व देना चाहती है। मंत्रिमंडलीय उप समिति यह पता लगाएगी कि सरकारी नौकरियों में नागपुर, अमरावती, कोंकण और नासिक इन चार राजस्व विभागों के लोग कम संख्या में क्यों भर्ती होते हैं। इसके अलावा अमरावती, कोंकण और नासिक क्षेत्र के लोग ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोकसेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में सम्मलित हों इसके लिए भी मंत्रिमंडल उप समिति अपने सुझाव और सिफारिशें तीन महीने के भीतर सरकार को सौंपेगी।