बीजिंग। चीन में सेकंड हैंड स्मोकिंग (स्मोकिंग के दौरान संपर्क में आने से) के चलते हर साल एक लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एक रिपोर्ट में चीन से नेशनल टोबैको कंट्रोल लॉ को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए कहा है। डब्ल्यूएचओ की इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन में हर साल परोक्ष धूम्रपान (सेकंड हैंड स्मोकिंग) के कारण एक लाख मौतें होती हैं। इस रिपोर्ट के अनुसार, चीन में टोबैको से होने वाली बीमारियों के कारण हर साल एक लाख लोगों की मौत हो जाती है और अगर इस पर काबू नहीं पाया गया तो 2050 तक यह संख्या तीन लाख तक पहुंच सकती है। चीन में सेकंड हैंड स्मोकिंग की जद में आकर बीमार होने वाले लोगों की संख्या भी काफी ज्यादा है। आईटीसी प्रोजेक्ट के चीफ इन्वेस्टिगेटर ज्योफ्री टी. फोंग के अनुसार, दुर्भाग्य से चीन सेकंड-हैंड स्मोकिंग के मामले में दुनिया में सबसे ऊपर है। हम जिन देशों में काम कर रहे हैं उनमें चीन में वर्क प्लेस और घर पर सबसे ज्यादा स्मोकिंग की जाती है। इसके अलावा रेस्टोरेंट और बार में भी यहां सबसे ज्यादा धूम्रपान होता है। चीन में एक टोबैको कंट्रोल लॉ लागू किए जाने की जरूरत पर जोर देते हुए फोंग ने कहा कि जब स्मोकिंग पर प्रतिबंध के कानून को व्यापक और प्रभावी तरीके से लागू किया जाएगा तब कहीं जाकर घरों के अंदर होने वाली स्मोकिंग खत्म हो पाएगी। चीन में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि बर्नहार्ड श्वार्टलैंडर ने कहा कि यह रिपोर्ट दिखाती है कि चीन में तुरंत एक नेशनल स्मोकिंग कंट्रोल लॉ लागू किए जाने की बेहद जरूरत है।