जगदलपुर जेल में बंद हैं क्षमता से ढाई गुना अधिक बंदी

jailजगदलपुर। केंद्रीय जेल जगदलपुर में कैदियों की क्षमता मानक रूप से 629 है, लेकिन यहां पर क्षमता से अधिक अर्थात ढाई गुना ज्यादा 1 हजार 583 कैदियों को रखा गया है। जो मानवाधिकारों का भी हनन है। कैदियों के आवास के मामले में जगदलपुर छ.ग. की सबसे खराब जेलों में गिनी जा रही है। यही कारण है कि एनएचआरसी की टीम ने यहां दौरा किया है। गौरतलब है कि छ.ग. की जेलों में विचाराधीन और सजायाफ्ता कैदियों की तादाद क्रमश: 9 हजार 360 और 7 हजार 156 हैं। कैदियों में अधिकतर ऐसे लोग है जो आर्थिक रूप से कमजोर है। या फिर समाज के पिछड़े वर्ग से सम्बंध रखते है। विचाराधीन कैदियों पर चल रही बहस के बीच देश की कई जेलों से विचाराधीन कैदियों को छोडऩे की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि विचाराधीन कैदियों में आदिवासी व पिछड़़े वर्ग के सबसे ज्यादा लोग है। ऐसा इसलिए है कि आर्थिक तंगी के चलते इस वर्ग के लोग न्याय से वंचित हो गए हैं। वही इनकी जनसुनवाइ के लिए भी कोई जरिया नहीं हैं। जेलों मे इस तबके की बढ़ती आबादी से जाहिर होता है कि इनके लिए न्याय का रास्ता बहुत लंबा होता है।