मोदी राज में गरीब व मजदूर बहा रहे अपनी बर्बादी का आंसू: पुनिया

pl puniyaबाराबंकी। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के चेयरमैन व राज्यसभा सांसद डॉ.पी.एल.पुनिया ने कहा कि मुल्क की आवाम आज महंगाई के दंश झेल रही हैं लेकिन केन्द्र व प्रदेश की सरकारों को कोई लेना देना नही हैं। गरीब की थाली से आज दाल गायब हैं, महंगाई एक राष्ट्रीय मुद्दा हैं और संघीय ढांचे में महंगाई को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी केन्द्र व राज्य सरकारों की हैं। राज्य सरकार केन्द्र से तालमाल करके जमाखोरों पर कठोर कार्रवाई करके गरीब आवाम की पेट की भूख मिटाने का कार्य करना चाहिए।  डा. पुनिया ने कहा कि आजादी के बाद से आज तक महंगाई ने इतना विकराल रूप कभी नही लिया हैं। लोकसभा चुनाव से पूर्व 65-70 रुपये में बिकने वाली दाल आज 200 पार कर गयी हैं, जिस दिन से देश में भाजपा की मोदी सरकार बनी हैं, किसान, गरीब, मजदूर अपनी बर्बादी पर आंसू बहा रहा हैं। पहले प्याज ने उसे रूलाया हैं और आज दाल का सहारा भी उससे छूट गया हैं क्योंकि अरहर की दाल में बेहताशा मूल्य बढ़ोतरी के बाद उड़द, मसूर, चना की दालें अपने दामों से दोगुने दाम पर पहुंच गयी हैं, जिसके चलते गरीब का परिवार सूखी रोटी खाने को मजबूर हैं लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार कीमतों पर अंकुश लगाने और आपूर्ति बढ़ाने के लिये जमाखोरों और कालाबाजारियों पर सिर्फ दिखावे की सख्ती का नाटक कर रही हैं क्योंकि बड़े जमाखोरों के सर पर भाजपा और सपा के बड़े नेताओं का वरदहस्त हैं इसलिये जमाखोरो के खिलाफ बने कानून का प्रभावी ढंग से लागू करके उन्हें उन धाराओं में नही बंदी बना रहे हैं जिसमें उन्हें जेल की रोटी खानी पड़े।