दाल में उबाल: बिहार चुनाव में बवाल

bihar and daalदीपेश सिन्हा, पटना। बिहार चुनाव में दाल एक बड़ा मुद्दा बन गई है। केन्द्र सरकार दाल की बढ़ी कीमत के लिए राज्य सरकार को दोषी बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार इसके लिए केंद्र की नीतियों को दोषी बता रही है। महंगाई की इस गेंद को दोनों पक्ष एक-दूसरे के पाले में डाल रहे हैं। बिहार की जनता इस राजनीति के बीच दाल की बढ़ी कीमत से परेशान है। इस चुनाव में हालांकि केन्द्र और राज्य सरकार एक दूसरे पर दोषारोपण भले ही कर रही हों परंतु दाल की बढ़ी कीमत ने राजग के नेताओं को बैकफुट पर तो ला ही दिया है। दाल की बढ़ी कीमत को मुद्दा बनाए जाने पर केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह और खाद्य उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान सामने आए। दाल की बढ़ी कीमत के लिए नीतीश सरकार पर ही दोष मढ़ दिया। राधामोहन सिंह ने कहा कि केंद्र ने कम से कम छह बार सरकार को दाल खरीद को लेकर पत्र भेजे, लेकिन सरकार पर कोई असर नहीं पड़ा। दोनों नेताओं ने कहा कि सरकार जान बूझकर दाल की कीमत बढ़ाती गई है, ताकि इसका ठीकरा केंद्र पर फोड़ा जा सके। पासवान ने कहा कि कि खाद्य आपूर्ती और उपभोक्ता मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार को चार पत्र लिखे गए, लेकिन किसी का जवाब नहीं आया। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने ट्वीट कर कहा था कि दाल इतनी मंहगी हो गई है कि अब घर की मुर्गी दाल बराबर का मुहावरा भी नहीं कहा जा सकता। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुनावी सभाओं में दाल महंगी होने के लिए केन्द्र सरकार पर जमकर निशाना साध रहे हैं। वह कह रहे हैं कि केन्द्र सरकार हर मामले में पूरी तरह असफल हो गई है। गुजरात और मध्य प्रदेश में दाल की कीमत क्यों बढ़ी है। इस बीच पटना से प्रकाशित एक हिन्दी समचार पत्र ने दाल की बढ़ी कीमत को लेकर ऑनलाइन सर्वे किया इसमें इस चुनाव में पडऩे वाले प्रभाव के विषय में पूछा गया था। सर्वे में करीब 60 फीसदी लोगों ने कहा कि महंगाई सीधे जनता से जुड़ा मामला है। अधिकांश लोग इसे केंद्र का मामला मानते हैं। दाल के मुद्दे पर इस चुनाव में भाजपा को काफी नुकसान हो सकता है। पटना की ममता कहती हैं कि आज चुनाव की वजह से भले ही नेता दाल का मुद्दा उठा रहे हों परंतु हकीकत है कि महंगाई का सबसे अधिक मार मध्यमवर्गीय परिवार को झेलना पड़ता है। ये नेता महंगाई को क्या जानें? मनीष कहते हैं कि यह किस सरकार का विषय है, ये तो आम लोग नहीं जानते हैं, लेकिन थाली से दाल गायब हो चुकी है। दाल आज 150 से 200 रुपये प्रति किलो बिक रही है। बहरहाल दाल के चक्कर में बिहार उबल रहा है और जनता पिस रही है।