फतेहपुर सीकरी: हरम बन गया जोधा महल

Jodha Bai Palaceफीचर डेस्क। शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि आगरा के निकट बने एक महल जिसको जोधाबाई का महल कहा जाता है वो पूर्णत: एक भ्रामक शब्द है जिसे फतेहपुर सीकरी के गाइडों ने शुरू किया और यहां पर मौजूद एक महल को जोधाबाई का महल बताने लगे । इस भ्रम को दूर करने के लिये यहां पर पुरातत्व विभाग ने एक पत्थर भी लगाया हुआ है जिस पर स्पष्ट लिखा है कि ये हरम के महलों में से एक था जिसे भूलवश जोधा का महल कहा जाने लगा। अकबर ने कई हिंदू राजाओं की पुत्रियों से शादी की पर वो जोधा जिसके बारे में कहा जाता है वो जोधा अकबर की पत्नी कभी नहीं थी बल्कि कुछ इतिहासकार तो यहां तक कहते हैं कि जोधा नाम की रानी अकबर की पत्नी नहीं बल्कि पुत्रवधु थ । इस बारे में एक जगह इतिहासकार बताते हैं कि राजा भागमल की पुत्री जोधाबाई को तो इस विवाह से पहले ही जोधपुर भेज दिया गया था जहां पर उनका नाम जगतकुंवर रखा गया । इन्ही जगतकुंवर से राव दूदा ने अपने पुत्र का विवाह करा दिया जिसका नाम रतन सिंह था । जगतकुंवर उर्फ जोधाबाई ने एक वर्ष बाद ही एक पुत्री को जन्म दिया जो मीराबाई कहलाई तो फिर वो कौन थी जो जोधाबाई की जगह अकबर के यहां पर रही। बताते हैं कि दीवान वीरमल की पुत्री पानबाई और जोधाबाई दोनो साथ साथ पली बढ़ी और खेली थी। अकबर ने जोधाबाई को देखा नहीं था बस राजनीतिक सम्बंध स्थापित करने के लिये उसने विवाह का प्रस्ताव रखा था जिसमें गुपचुप तरीके से पानबाई को भेज दिया अकबर के पास और उसकी दुश्मनी भी मोल लेने से बच गये। एक थ्योरी कहती है कि जोधाबाई का विवाह सलीम के साथ हुआ था। अकबर ने बीकानेर के राजा की बेटी से , रोहिल्ला राजकुमारी रूकमावती से और अन्य कई राजपूत राजकुमारियो से शादी की थी । अकबर ने अपने बेटे सलीम की शादी भी जोधपुर की राजकुमारी जगत गोसांई से करवाई जो जोधपुर की होने के कारण जोधाबाई कहलाई । फतेहपुर सीकरी के गाइडों ने इस महल को जोधाबाई का महल बताना और अकबर से उसे जोडऩा शुरू कर दिया जिससे ये सारा भ्रम पैदा हुआ । ये बात सही है कि इस महल में हिंदू राजकुमारियां रही थी और इसकी पुष्टि यहां के स्थापत्य और भवन निर्माण से हो जाती है जिसमें तुलसी के थांवले भी बने हुए मिले हैं।
एजेंसियां