क्या राघोपुर में काम करेगा तेजस्वी का तेज

TEJASVI YADAV

अपूर्व तिवारी, पटना। बिहार में कई दशकों से राजनीति कर रहे दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव अब तमाम झंझावातों को झेलने के बाद अपनी राजनीतिक विरासत अपने दोनों पुत्रों को सौंपने की तैयारी में हैं। बिहार के इस विधानसभा चुनाव में कुछ ऐसा सोचकर और तमाम गुणा गणित करने के बाद उन्होंने अपने पुत्र और क्रिकेट के शौकीन तेजस्वी यादव को अपनी पुरानी सीट राघोपुर से चुनाव मैदान में उतारा है जबकि दूसरे पुत्र तेज प्रताप को मुहआ से मैदान में उतार दिया है। लालू राघोपुर सीट को काफी सेफ मानते हैं क्योंकि इस सीट से खुद वो और उनकी पत्नी राबड़ी देवी भी चुनाव जीत चुकी हैं। वैशाली जिले की इन दोनों सीट पर यादव पुत्रों की विजयश्री सुनिश्चित कराने के लिए आरजेडी के सभी बड़े नेता भी जोर लगा रहे हैं। राजनीतिक कैरियर की शुरूआत कर रहे तेजस्वी को पार्टी का अगला चेहरा माना जा रहा है इस लिहाज से लाजिमी है कि चुनाव में उनकी जीत तय हो जाये। जहां तक बात राघोपुर की है तो उसने लालू और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को यहां जिताया मगर उसके बाद भी उसको उतना लाभ विकास के रूप में नहीं मिल पाया जितना कि अपेक्षित था। जनता आज भी तमाम बुनियादी समस्याओं में जकड़ी है। बिजली,पानी, सड़क सहित कई ऐसे ज्वलंत मामले हैं जोकि आज भी जीवित हैं। राजनीतिक के जानने वालों का कहना है कि लालू यादव और उनकी पत्नी भले ही यहां से चुनाव जीते और सीएम भी रहे मगर उसके बाद भी इस क्षेत्र का विकास नहीं हुआ। अब यही फैक्टर तेजस्वी यादव को परेशान कर रहा है। जनता भी सवाल पूछ रही है कि जब माता-पिता ने कोई विकास नहीं कराया तो पुत्र पर कैसे भरोसा किया जाये। खैर तेजस्वी यादव प्रचार में युवाओं को काफी फोकस कर रहे हैं क्योंकि अगर युवाओं को साथ ले लिया जाये तो बात बन सकती है। लालू यादव भी अंदर ही अंदर काफी विचलित हैं कि अगर जनता ने नकार दिया तो क्या होगा क्योंकि पूरी ताकत उन्होंने लगा दी है। मालूम हो कि वैशाली जिले के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व 15 वर्ष तक लालू प्रसाद और उनकी पत्नी राबड़ी देवी ने किया है। बहरहाल अब आने वाला समय ही बतायेगा कि राघोपुर में कायम रह पायेगा तेजस्वी का तेज।