जगदलपुर (आरएनएस)। नारायणपुर जिले के दूरस्थ अबूझमाड़ ईलाके के झारावाही से 9 वर्ष पहले नक्सली पीडि़त जनकाय उसेण्डी नारायणपुर आयी, तो उसके पास सबसे पहले रोजी-रोटी की समस्या थी, लेकिन उसने आड़े वक्त में हिम्मत नहीं छोड़ी और जनकाय ने परम्परागत बांस शिल्प को जीवन का आधार बनाया। उसकी कला को परख कर शिल्पग्राम ने उसे काम के साथ आसरा दिया। यहां जनकाय ने अपने हुनर को निखारा और अपनी कला को नई ऊंचाई दी, जिसके चलते आज वह राज्य और राष्ट्रीय पुरस्कारों की हकदार हो गयी है। इसी तरह…
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ओरछा धाम, टिकमगढ में 10 दिवसीय संत समागम
वि.। हाल ही में क्षिप्रा के किनारे उज्जैन में ‘सिंहस्थ का आयोजन हुआ! इस पवित्र आयोजन में देश और दुनिया के जाने-माने संत, महात्माओं ने अपनी वाणी से उज्जैन आए श्रद्धालुओं को धर्म-दर्शन दिया! जो श्रद्धालु उज्जैन के इस धार्मिक समागम में शामिल नहीं हुए, वे संत वाणी से भी वंचित रहे। सम्भवत: बुंदेलखंड के भी कई लोग ‘सिंहस्थ नहीं जा सके होंगे। राजा राम और पीतांबरा माता की इस धरती को संत वाणी से गुंजित करने के लिए ओरछा में एक वृहद ‘संत समागमÓ आयोजित करने की योजना बनाई…
Read Moreशिव के क्रोध से बचने के लिए शेषनाग ने यहां फेंका था मणि
फीचर डेस्क। यूं तो मनाली घूमने-फिरने वालों की पसंदीदा जगह है। वहां की वादियां, नजारे किसी को भी मोह लेते हैं। लेकिन मनाली में एक धार्मिक जगह ऐसी है, जहां बर्फीली ठण्ड में भी पानी उबलता रहता है। मान्यता है कि शेषनाग के गुस्से के कारण यह पानी उबल रहा है। इस जगह का नाम है मणिकर्ण। कहा जाता है कि शेषनाग ने भगवान शिव के क्रोध से बचने के लिए यहां एक दुर्लभ मणि फेंकी थी। इस वजह से यह चमत्कार हुआ और यह आज भी जारी है मणिकर्ण में…
Read Moreसावन मास: अबकी हर सोमवार विशिष्ट योग से है जुड़ा
सावन मास की शुरुआत आज से हो रही है। रक्षाबंधन के दिन यानि 18 अगस्त को ये समाप्त होगी। ज्योतिषियों के मुताबिक इस बार सावन का प्रत्येक सोमवार विशिष्ट योग से जुड़ा हुआ है। इससे पहले द्वादश लिंगों में सर्वश्रेष्ठ कामनालिंग बाबा वैद्यनाथ के दरबार में श्रावणी मेला मंगलवार से शुरू हो गया है। इस बार श्रावणी मेला का स्वरूप बदला-बदला है। गुरु पुर्णिमा तक जलार्पण के बाद स्पर्श करने वाले भक्त श्रावणी मेले के पहले दिन से ही अर्घा व्यवस्था के तहत जलार्पण करेंगे। सुल्तानगंज गंगाघाट से देवघर आने…
Read Moreसावन 20 से: बम-बम भोले के जयकारों से गूंजेगे मंदिर
फीचर डेस्क। भगवान भोलेनाथ की भक्ति का सावन महिना बुधवार 20 तारीख से शुरू हो रहा है। भक्त अपने आराध्य देव महादेव को प्रशन्न करने लिए पूरी आस्था से पूजा पाठ करने कि तैयारियों में जुट गए हैं। इस साल भगवान भोलेशंकर का दर्शन-पूजन करने के लिए हर साल की तरह शिवालयों में भक्तों का सैलाब उमडऩे वाला है। हर कोई बाबा के शिवलिंग का दर्शन और पूजन करने के लिए व्याकुल रहता है। अपने आराध्य देव को खुश करने के लिए भक्त शिवलिंग पर दूध, मदार, गंगाजल, धतूरा, भांग,…
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