फीचर डेस्क। सावन के तीसरे सोमवार पर आज शिवालयों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। देश के विभिन्न भागों में सुबह से ही शिव मंदिरों में लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही हैं। भगवान शिव के तीसरे स्वरुप की उपासना के लिए सावन का तीसरा सोमवार सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव की विशेष आराधना करने पर भक्तों को मनवांछित फल प्राप्त होता है। उज्जैन के दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर में भी श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। हर कोई भगवान…
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नाग पंचमी: श्रद्धा और विश्वास का पर्व
फीचर डेस्क। हिन्दू समाज में नाग पंचमी का एक विशेष महत्व है। श्रावण शुक्ल पंचमी के दिन ‘नागपंचमी का पर्वÓ परंपरागत श्रद्धा एवं विश्वास के साथ मनाया जाता है। इस दिन नागों का पूजन किया जाता है। इस दिन नाग दर्शन का विशेष महत्व है। भारतीय कैलेण्डर के अनुसार, इस बार नाग पंचमी 7 अगस्त को है। परम्परा है कि पूरे सावन महीने में ख़ास कर नागपंचमी के दिन न तो जमीन खोदना चाहिए और न ही किसी सांप को मारना चाहिए। हिन्दू समाज के अनुसार, नाग पंचमी मुख्य रूप…
Read Moreभगवान शिव और पार्वती को समर्पित है हरियाली तीज
लखनऊ। तीज, एक दिवसीय हिन्दू त्योहार भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है। हरियाली तीज आम तौर पर जुलाई या अगस्त के महीने में मनाया जाता है। हालांकि, इस वर्ष 2016 में हरियाली तीज की पूजा आज मनायी जा रही है। शिव और पार्वती के पुर्नमिलाप के उपलक्ष्य में मनाए जाने वाले हरियाली तीज के त्योहार के बारे में मान्यता है कि मां पार्वती ने 107 जन्म लिए थे भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए। अंतत: मां पार्वती के कठोर तप और उनके 108वें जन्म…
Read Moreहरियाली अमावस्या है इस बार खास: इन राशियों पर होगा प्रभाव
फीचर डेस्क। श्रावण कृष्ण अमावस्या को हरियाली अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। इस बार हरियाली अमावस्या की तिथि है दो अगस्त को 03.14 से 3 अगस्त 02.14 तक । यह त्योहर सावन में प्रकृति पर आई बहार की खुशियों का जश्न है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को प्रकृति के करीब लाना है। कुछ स्थानों पर इस दिन पीपल के वृक्ष की पूजा कर उसके फेरे लगाने तथा मालपुए का भोग लगाने की परंपरा है। ऐसी भी मान्यता है कि इस दिन हर व्यक्ति को एक पौधा अवश्य रोपना…
Read Moreप्रकृति की गोद में खोना है तो जाइये मणिपुर
फीचर डेस्क। पर्यटक जो कम बजट में प्रकृति से घुलना-मिलना, दुनिया की विरली वनस्पति, जीव जन्तुओं को देखना चाहते हैं और जिन्हें प्रकृति से भावनात्मक संबंध है या फिर जिन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जापानी सेना और मित्र राष्ट्रों की सेना के बीच लड़ाई के बारे में जानने की जिज्ञासा है, वे बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर का रुख कर रहे हैं। मणिपुर की राजधानी इंफाल के लिए गुवाहाटी से प्रतिदिन उड़ान है। इसके अलावा एनएच 2 और 37 के जरिए भी गुवाहाटी और सिल्चर से वहां पहुंचा…
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